नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 81 वां दिन है। इस बीच दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 26 जनवरी को अपनी ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की घटना और किसानों के खिलाफ दर्ज किये गये कथित झूठे मामलों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराए जाने की शनिवार को मांग की।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन किसानों को पुलिस के नोटिस मिल रहे हैं, वे उसके (पुलिस के) समक्ष प्रत्यक्ष रूप से पेश न हों, बल्कि सहायता के लिए किसान यूनियनों द्वारा गठित कानूनी प्रकोष्ठ से संपर्क करें। वहीं पुलवामा (Pulwama) हमले के शहीदों को याद करते हुए किसान संगठन आज देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकालेंगे।
तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं।
गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।”Did not Forgive, will not Forget: Salute to our brothers who made the supreme sacrifice for the nation in #PulwamaAttack . Indebted, we stand with the families of our valiant Bravehearts. pic.twitter.com/pNAAvuCJUU
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) February 14, 2021
किसान संगठनों ने उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की
मोर्चा के कानूनी प्रकोष्ठ के सदस्य कुलदीप सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा और किसानों पर दर्ज फर्जी मामलों के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।
किसान नेताओं के अनुसार ट्रैक्टर परेड में शामिल हुए 16 किसान अब भी लापता हैं। इस संबंध में एक अन्य किसान नेता रविंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने 44 प्राथमिकियों में से 14 के संदर्भ में 122 किसानों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा गिरफ्तार किये गये सभी किसानों को कानूनी और वित्तीय मदद मुहैया कराएगा।
किसानों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं
मोर्चा के नेताओं ने दावा किया कि किसानों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उनका उत्पीड़न करने के लिए उन पर डकैती तथा हत्या का प्रयास करने जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि मोर्चा गिरफ्तार किसानों में से प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये उपलब्ध कराएगा, ताकि वे जेल की कैंटीन में उससे भोजन खरीद सकें।
पुलवामा शहीदों की याद में किसान संगठन देश भर में निकालेंगे कैंडल मार्च
बता दें कि किसान संगठन आज शहीद जवानों की याद में पूरे देश में मोमबत्ती मार्च, ‘मशाल जुलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित करेंगे। जम्मू (Jammu) कश्मीर (Kashmir) के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान (Army) शहीद हो गये थे।