- कोरोना से पूरी दुनिया में 15 लाख से अधिक लोग संक्रमित
- हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का निर्यात कर रहा है भारत
पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. इस संकट की घड़ी में कई देशों के लिए भारत संकटमोचक बन गया है. संजीवनी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के लिए ब्राजील, अमेरिका के बाद इजरायल ने भी भारत का शुक्रिया अदा किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. पीएम मोदी ने भी इजरायल को भरोसा दिलाया है कि हम हर संभव मदद करेंगे.
We have to jointly fight this pandemic.
India is ready to do whatever is possible to help our friends.
Praying for the well-being and good health of the people of Israel. @netanyahu https://t.co/jChdGbMnfH
— Narendra Modi (@narendramodi) April 10, 2020
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा, ‘हम सब मिलकर इस महामारी से लड़ेंगे. भारत अपने दोस्तों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करेगा. इजरायल के लोगों की सलामती और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं.’ इससे पहले इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजने के लिए शुक्रिया. इजरायल के सभी नागरिक आपका धन्यवाद करते हैं.’
Thank you, my dear friend @narendramodi, Prime Minister of India, for sending Chloroquine to Israel.
All the citizens of Israel thank you! 🇮🇱🇮🇳 pic.twitter.com/HdASKYzcK4
— PM of Israel (@IsraeliPM) April 9, 2020
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए भारत को शुक्रिया कहा था. उन्होंने लिखा था, ‘मुश्किल हालात में दोस्तों के बीच और सहयोग की जरूरत पड़ती है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर फैसला लेने के लिए भारत और उसके लोगों को धन्यवाद. इसे हम कभी नहीं भुला सकते. इस सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया.’
इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मैं आपकी बात से पूरी तरह से सहमत हूं. ऐसे समय दोस्तों को करीब लाते हैं. भारत-अमेरिका की साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत है. भारत कोरोना (COVID-19) के खिलाफ मानवता की लड़ाई में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. हम इस पर एक साथ जीतेंगे.’
क्या है मामला
बीते दिनों ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर लगी रोक को हटा दिया था. कोरोना से लड़ने में यह दवा काफी मददगार साबित हो रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमारी प्राथमिकता अपने देश में भरपूर स्टॉक रखना है, लेकिन उसके बाद जिन देशों में कोरोना वायरस सबसे ज्यादा घातक हुआ है वहां पर चिन्हित दवाईयों को भेजा जाएगा.