नई दिल्ली : महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का फ्लोर टेस्ट सदन में कब, कैसे और किन नियमों से होगा? इस पर सुप्रीम कोर्ट आज सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगा। फडणवीस सरकार को शपथ दिलाने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की याचिका पर कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीनों दलों ने तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग की है। साथ ही, यह भी गुहार लगाई है कि इन्हें सरकार गठन का न्योता दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि तीन दलों को न्योते की याचिका पर वह विचार नहीं करेगा। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस मामले में करीब 80 मिनट सुनवाई हुई। इस दौरान यह भी पता चला कि राज्यपाल ने जब 23 नवंबर को फडणवीस सरकार को शपथ दिलाई थी, तो उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन यानी 7 दिसंबर तक का वक्त दिया गया था। पहले 30 नवंबर की तारीख सामने आई थी। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जहां सोमवार को ही बहुमत परीक्षण कराने की मांग की। लेकिन बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी और गवर्नर ऑफिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया और कहा कि बहुमत परीक्षण के लिए समय तय करना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र का सवाल है। इस पर तीन जजों की बेंच ने कहा कि क्या आदेश पारित होगा, वह हम पर छोड़ दीजिए।
कोर्ट को बताया कैसे शपथ दिलाई
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कैसे फडणवीस सरकार को शपथ दिलाई गई। उन्होंने NCP नेता अजित पवार को विधायक दल का नेता चुने जाने वाला 54 विधायकों का लेटर और बीजेपी को अजित के समर्थन का पत्र पेश किया। फडणवीस की ओर से बीजेपी, निर्दलीय और 54 एनसीपी MLA समेत 170 विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को दिए। राज्यपाल ने उपलब्ध तथ्यों पर फैसला लिया। उनका काम जांच करवाना नहीं है। कपिल सिब्बल ने कहा कि एनसीपी विधायकों के लेटर के साथ बीजेपी के सपोर्ट का कवरिंग लेटर नहीं है।
पूरा अस्तबल ही आ गया…
मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह (NCP) दावा कर रहे हैं कि 54 विधायक उनके पास हैं। कल मैं भी यह कह सकता हूं। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं है। यहां तो पूरा अस्तबल दूसरी ओर चला गया है। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि सिर्फ घुड़सवार भागा है। घोड़े वहीं हैं।