स्पीकर ओम बिड़ला के कारण लोकसभा में बना एक नया रिकॉर्ड, जाने कैसे

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नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सूचीबद्ध सभी 20 मौखिक प्रश्नों के सांसदों को मिले जवाब के बाद यहां पर एक रिकॉड कायम हो गया। आम तौर पर प्रश्नकाल के लिए निर्धारित एक घंटे की अवधि चार से पांच मौखिक प्रश्नों और उनके अनुपूरक प्रश्नों में ही खत्म हो जाती है। स्पीकर ओम बिरला ने यह सुनिश्चित किया कि बगैर किसी भूमिका के प्रश्न किए जाएं और मंत्री उसका सीधा व संक्षिप्त जवाब दें।

जानकारों की मानें तो पूर्व में राज्य सभा में ऐसा देखा गया है कि सभी सूचीबद्ध मौखिक सवालों के जवाब तय अवधि में दिए गए हैं। लेकिन लोकसभा में अंतिम बार ऐसा कब हुआ है, इसका तत्काल पता नहीं लग पाया है। राज्य सभा के पूर्व सभापति व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के कार्यकाल में कई बार ऐसा किया गया है। इस रिकॉर्ड के बनने के बाद स्पीकर बिरला ने सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि आगे भी सभी प्रश्नों को शामिल करने का प्रयास होगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इसके लिए सभी सदस्यों का आभार जताया। बता दें कि कोयला मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय, सांख्यिकी व कार्यान्वयन मंत्रालय, खनन मंत्रालय से 20 प्रश्नों को मौखिक तौर पर सवाल-जवाब के लिए चयनित किया गया था।
प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही स्पीकर ने जिस तेजी से पहले पांच प्रश्नों के जवाब मंत्रियों से दिलवाए उसके बाद ही सभी प्रश्नों के जवाब हासिल होने की संभावना बनी। ठीक 12 बजे अंतिम 20वां प्रश्न पूछा गया। सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी सदस्यों ने भी मेजें थपाथपा कर इस रिकॉर्ड का स्वागत किया। स्‍पीकर ने तय किया कि अनुपस्थित रहे सदस्‍यों के जवाब सभापटल पर रखे जाएं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि 1972 में पांचवी लोकसभा के चौथे सत्र से हर प्रश्‍नकाल में सवालों की सूची को 20 किया गया था। वहीं पहली लोकसभा के 9वें सेशन में प्रश्‍नकाल के दौरान 45 प्रश्‍न किए गए थे।

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  • साजदा अहमद का सवाल था कि क्या सरकार ने रक्षा अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी की स्थापना कर ली है? क्या भारत ने अपने उपग्रहों को दुश्मन के हमले से बचाने की क्षमता विकसित कर ली है?
  • विनोद कुमार सोनकर ने पूछा कि क्या भारत में ‘एक देश, एक मतदाता सूची’ तैयार करने के लिए सरकार ने कोई कदम उठाए हैं?

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