स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर नारे लगाए खाली कराया जाए सिंघु बॉर्डर

delhi-singhu-border-fil-eimage.jpg

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। किसान बीते 64 दिन से सिंघु (Singhu) बॉर्डर (Border), टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं, लेकिन गणंतत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला और दिल्ली (Delhi) के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बाद किसानों के आंदोलन को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं।

कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।

गुरुवार को कुछ स्थानीय लोगों के समूह ने सिंघु (Singhu) बॉर्डर (Border) पर एकत्रित होकर सरकार और पुलिस प्रशासन से इस क्षेत्र को खाली कराने की मांग की। इस दौरान हाथों में पोस्टर बैनर लिए पहुंचे इन लोगों ने ‘सिंघु बॉर्डर खाली करो’, ‘तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाए।

ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई थी हिंसा

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर परेड निकालने का प्रस्ताव दिया गया था। ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली (Delhi) पुलिस (Police) की कई दौर की बैठक हुई थी।

पुलिस (Police) का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार रास्तों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघु बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय रास्तों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे।

उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के बैरिकेड्स तोड़ दिए। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघु बॉर्डर से आए किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया।

उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए तथा वहां मौजूद पुलिस कर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि, बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया, लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए।

मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिस पर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।

Share this post

PinIt

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    scroll to top