नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली (Delhi) की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इलाके के तीन शरारती तत्व भी हैं। पुलिस (Police) सूत्रों के मुताबिक इन दस लोगों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है।
वीडियो फुटेज के आधार पर की कार्रवाई- पुलिस सूत्र
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार लोगों में जामिया मिलिया का कोई छात्र शामिल नहीं है। पुलिस (Police) ने अब तक सामने आई वीडियो फुटेज के आधार पर यह कार्रवाई की है। पुलिस (Police) का दावा है कि वीडियो फुटेज में ये लोग पत्थरबाजी करते और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते दिखे हैं। साथ ही कुछ जगहों पर आगजनी भी की है। पुलिस (Police) सूत्रों के मुताबिक इन सभी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। जल्द ही इस मामले में कुछ नई गिरफ्तारियां भी होंगी। जामिया हिंसा की पुलिस जांच के दौरान कुछ वॉट्सऐप ग्रुप भी मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक जिन 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें कुछ लोग इन वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल हैं। इन वॉट्सग्रुप के जरिये कई संदेश इधर से उधर भी भेजे गए हैं। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर जो तथ्य सामने आ रहे हैं उनमें से कुछ सामान बरामदगी को लेकर भी पुलिस (Police) के छापे पड़ रहे हैं।
जामिया परिसर में तनाव बरकरार
बता दें कि जामिया के हिरासत में लिए गए 50 छात्रों को रिहा कर दिया गया है, लेकिन परिसर में तनाव बना हुआ है। जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने भी छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस (Police) बिना अनुमति के परिसर में घुसी। उन्होंने कहा कि परिसर में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा। छात्रों पर हुई पुलिस (Police) कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस (Police) कार्रवाई और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस प्रदर्शन का नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी समर्थन करते नजर आए। कहीं-कहीं ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, तो कहीं इसने हिंसक रूप ले लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इन प्रदर्शनों को दुखद और निराशाजनक बताया और शांति की अपील की।