यमुनापार में पकड़े गए ज्यादातर झपटमार नशे में मदमस्त मिले। अधिकतर आरोपी गांजा और स्मैक के आदी थे। ईस्ट जिला पुलिस ने इस लीड पर काम करते हुए गाजीपुर थाने के घोषित बदमाश के घर से 85 किलोग्राम गांजा बरामद किया। इसकी पहचान रफीक-उल-मलिक उर्फ बाबू (25) के तौर पर हुई, जो गाजीपुर डेरी फार्म का रहने वाला है। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। गाजीपुर थाना इलाके के बीसी रफीक-उल-मलिक के बारे में खबर मिली कि वह अपनी झुग्गी से गांजा बेच रहा है। तफ्तीश के दौरान पता चला कि वह 100 किलो गांजे की खेप लेकर आया है। इसी आधार पर छापा मारकर माल बरामद कर लिया गया। पूछताछ उसने बताया कि वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। ड्रग्स का आदी होने से वह छोटी-मोटी चोरी करने लगा। इस वजह से कई बार गिरफ्तार भी हुआ। बेचने को रखे थे 10-15 साल के बच्चे, कल्याणपुरी के रहने वाला शेखर गांजा गांजा बेचने का काम करता था। उससे मिलने के बाद बाबू गाजीपुर की झुग्गियों से इसे बेचने लगा। आरोपी ने गांजा बेचने के लिए 10 से 15 साल के बच्चों को रखा था। वह इन्हें मोटी रकम देता था। वह गांजे की खेप ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार से मंगवाता था। तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि इलाके के लोगों को बाबू पैसों से मदद करता था। लड़कियों की शादी में भी हर तरह की हेल्प के लिए तैयार रहता था। लोग उसे रोबिनहुड जैसा मानते थे। इसलिए पुलिस उसे दबोच नहीं पाती थी।