नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के तमाम हिस्सों में होने वाले प्रदर्शनों के शुरू होने के बहुत पहले एक शख्स दिल्ली के तमाम इलाकों में इस प्रस्तावित कानून के जागरूकता फैलाने के लिए पर्चे बांट रहा था। इसी तरह दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen bagh) में सीएए(CAA) और एनआरसी(NRC) के खिलाफ आयोजित महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पीछे भी इसी शख्स की अहम भूमिका बताई जाती है। इसका नाम शरजील इमाम (Sharjeel Imam) है।
JNU Students’ Union: Arrest of JNU student Sharjeel Imam under draconian charges of sedition shows that Islamophobia, selective amnesia & bias matter more than anything for a state apparatus under control of RSS-BJP. BJP&RSS want to criminalise Muslims on an unprecedented scale. https://t.co/niLq6ouavI
— ANI (@ANI) January 28, 2020
शाहीन बाग (Shaheen bagh) में आने वाले कुछ पत्रकारों और प्रदर्शनकारियों के अलावा जेएनयू (JNU) के इस 31 साल के पीएचडी स्कॉलर को अब तक बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते थे। लेकिन सोमवार को देश के पांच राज्यों की पुलिस उसे खोज रही थी, तमाम अखबारों में उसके फोटो छपे थे, उसके मुद्दे पर दिल्ली (Delhi) के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई।
एएमयू में दिया था विवादित भाषण
आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएट पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में दिए गए असम और पूर्वोत्तर को ‘देश से काट देने’ वाले भाषण को लेकर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया। इमाम को पुलिस ने मंगलवार को जहनाबाद (बिहार) से पकड़ा जहां वह पला-बढ़ा। इसके बाद उसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले जा रहा है। हालांकि, इमाम ने ट्विटर पर साफ किया उसने सरेंडर किया था लेकिन दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि उसे अरेस्ट किया गया। शरजील की मां अफशान रहीम ने एक खत लिखकर पुलिस और अधिकारियों के कथित दुर्व्यवहार का जिक्र किया है। उनका कहना है कि इमाम को ‘ऐसे बयान के लिए दोषी ठहराया जा रहा है जिसे मीडिया ने संदर्भ से हटकर, तोड़मरोड़कर पेश किया है।’
मुस्लिम मुद्दों पर आवाज उठाता रहा है
पटना के सेंट जेवियर हाई स्कूल और दिल्ली के वसंत विहार के दिल्ली पब्लिक स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने वाला इमाम शुरू से ही मुसलमानों के खिलाफ होने वाले भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। साल 2016 में जेएनयू (JNU) के स्टूडेंट नजीब अहमद के गायब होने के बाद उसने मुसलमानों को लेकर प्रचलित ‘पूर्वाग्रहों’ और कॉर्पोरेट जगत से अपने मोहभंग होने के विषय में काफी लिखा था। नजीम इमाम के ही हॉस्टल में रहता था।
बाबरी पर फैसले के बाद किया था प्रदर्शन
पिछले साल अक्टूबर में जब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मुद्दे पर बोलने के लिए जेएनयू गए थे उस समय इमाम प्रदर्शनकारियों के बीच था। बाबरी मस्जिद मामले में कोर्ट के फैसले के बाद उसने जेएनयू परिसर में एक विरोध प्रदर्शन भी किया था।