नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली (Delhi) में तेजी से सामने आ रहे कोरोना (corona) के नए मामलों के बीच दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने आज कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, एसिंप्टोमैटिक (बिना लक्षण) और हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
अस्पताल को किसी भी हल्के या एसिंप्टोमैटिक मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के 24 घंटे के अंदर डिस्चार्ज करना होगा। वहीं, दिल्ली (Delhi) के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को बताया कि दिल्ली (Delhi) सरकार ने कोरोना (COVID19) के इलाज के लिए अब तक लगभग 8,500 बेड का इंतजाम किया है, जिनमें से करीब 45 प्रतिशत बेड अभी भरे हुए हैं।
As per Union Health Ministry guidelines, asymptomatic & mild symptom cases don’t need hospitalization. Any mild or asymptomatic patient has to be discharged by the hospital within 24 hours of admission: Delhi Health Department #COVID19 pic.twitter.com/3rtQNrDQrc
— ANI (@ANI) June 6, 2020
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद (Arvind) केजरीवाल (kejriwal) ने कहा कि दिल्ली (Delhi) में कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि टेस्टिंग को रोक दिया गया है, ये गलत है। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 42 टेस्टिंग लैब हैं, उनमें से 36 लैब अच्छे से काम कर रही हैं।
जबकि 6 लैब ठीक से काम नहीं कर रही थीं, सिर्फ 6 लैब्स के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है। उनको कड़ी चेतावनी दे दी गई है, क्योंकि वो लैब्स ICMR गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रही थीं।
दिल्ली में लोगों के कोरोना संक्रमण मुक्त होने की दर घटी
दिल्ली (Delhi) में पिछले 10 दिन में कोविड-19 (covid-19) के मामले तेजी से बढ़े हैं, वहीं लोगों को संक्रमण मुक्त होने की दर घटकर चार जून को 39.58 प्रतिशत रह गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र (41,402) के बाद दिल्ली में सबसे ज्यादा (14,456) लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है।
अगर मृत्यु दर की बात करें तो दिल्ली (Delhi) (650) इस लिहाज से महाराष्ट्र (2,710) और गुजरात (1,155) के बाद देश में तीसरे स्थान पर आती है। पिछले दो सप्ताह में यह पहली बार है जब संक्रमण मुक्त होने की दर 40 प्रतिशत से कम हुई है।