नई दिल्ली: देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस खास मौके को ‘आजादी (Azadi) का अमृत (Amrit) महोत्सव’ (Mahotsav) के तौर पर मनाया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना भी जोश में हैं पूरे उत्साह के साथ आज का दिन मना रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर भारतीय वायु सेना देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया है। इसके अलावा उन्होंने आजादी के रंग में रंगी अलग-अलग तस्वीरों को भी ट्वीट किया है।
आज के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार नौवीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने वीर सावरकर से लेकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तक को याद किया।
#WATCH PM Narendra Modi hoists the National Flag at Red Fort on the 76th Independence Day pic.twitter.com/VmOUDyf7Ho
— ANI (@ANI) August 15, 2022
लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने लाल किले से 83 मिनट तक लोगों को संबोधित करते हुए रिकॉर्ड बनाया। करीब 83 मिनट का उनका संबोधन लाल किले से पांचवां सबसे बड़ा भाषण है।
इससे पहले अब तक के पीएम मोदी के लाल किले से भाषणों का समय देखें तो उन्होंने सबसे लंबा भाषण साल 2016 में दिया था। उस साल उन्होंने देश की जनता को 94 मिनट तक संबोधित किया था।
इसके बाद साल 2014 में पीएम मोदी ने पहली बार लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था तब उन्होंने 65 मिनट तक राष्ट्र के नाम संबोधन किया था।2015 में पीएम मोदी ने 88 मिनट तक बोले थे। 2016 में 94 मिनट, 2017 में 56 मिनट, 2018 में 83 मिनट और 2019 में 92 मिनट तक पीएम मोदी ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया था।
पीएम ने संबोधन में क्या कहा
पीएम ने आज देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व के कोने-कोने में भारत का तिरंगा आन, बान, शान से लहरा रहा है। पीएम मोदी ने कहा, आज का ये दिन ऐतिहासिक है। आज नए संकल्प और नई साह के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है।
आजादी के जंग में गुलामी का पूरा काल खंड संघर्ष में बीता है। हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था जहां के लोगों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो।
अपनी जिंदगी न खपाई हो। आहुती न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए हर महापुरुष को त्यागी को बलिदानी को नमन करने का अवसर है। उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने का अवसर है।