नई दिल्ली : केंद्र सरकार महंगे इलाज से परेशान किसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित गरीबों की चिंता दूर करने के लिए नई नीति तैयार कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति, 2020 की नई मसौदा नीति तैयार कर चुका है। इसमें दुर्लभ बीमारियों के इलाज में मदद के लिए ‘अपर्याप्त संसाधनों’ का जिक्र किया गया है।
मसौदा नीति में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत एक रजिस्ट्री स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका मकसद एक डेटाबेस तैयार कर आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को 15 लाख रुपये तक की मदद करने का लक्ष्य पूरा किया जा सके। 15 लाख रुपये तक की मदद उन गरीबों को दिए जाने का प्रस्ताव है जो किसी ऐसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं जिसका किसी बड़े अस्पताल में एक बार में ही इलाज होता है।
प्रस्ताव में ऐसे मरीजों की स्वेच्छा से मदद करने वालों के लिए भी प्लैटफॉर्म तैयार करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही, दुर्लभ बीमारियों का इलाज करने में सक्षम सरकारी अस्पतालों को नोटिफाइ करने की भी सलाह दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस नीति पर सभी पक्षों की राय मांगी है। लोग 10 फरवरी तक अपना सुझाव भेज सकते हैं।