भारत (India) और चीन (China) के बीच कॉर्प्स कमांडर लेवल की पांचवी बातचीत आज एलएसी के नजदीक मॉल्डो में हो रही है। यह चीन के हिस्से वाला मीटिंग प्वॉइंट है। भारत (India) का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं। चीन की तरफ से मेजर जनरल लियू जिन इस बातचीत में शामिल हुए।
दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की यह मीटिंग ऐसे वक्त हो रही है, जब चीन 3488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर सैनिकों की तादाद बढ़ा रहा है। यहां कुछ मिलिट्री कंस्ट्रक्शन भी किया जा रहा है।
तीनों सेक्टर्स में चीन की हरकत
चीन (China) एलएसी (LAC) पर तीनों सेक्टर्स में सैनिक और हथियार जमा कर रहा है। ये हैं पश्चिमी लद्दाख, मध्य में (उत्तराखंड और हिमाचल से लगने वाली सीमा) और पूर्व (सिक्किम और अरुणाचल से लगने वाली सीमा)।
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन उत्तराखंड में लिपुलेख पास एरिया में भी सैनिकों का जमावड़ा कर रहा है। यहां नेपाल, भारत और चीन की सीमाएं मिलती हैं। यह कालापानी घाटी का हिस्सा है।
दो हिस्सों पर फोकस
माना जा रहा है कि रविवार की बातचीत में फोकस एरिया पैन्गोंग लेक और गोगरा रहेंगे। इन दोनों ही जगहों पर भारत और चीन के सैनिक अब तक पीछे नहीं हटे हैं। पैन्गोंग में फिंगर 5 और 8 एरिया में चीन ने तैनाती बढ़ाई है।
भारत ने भी इसके खिलाफ जवाबी तैयारियां पूरी कर ली हैं। देपसांग में चीन की फौज भारतीय सैनिकों को उनकी पहले से चली आ रही पेट्रोलिंग से रोकने की कोशिश कर रही है।
भारतीय सेना भी तैयार
चीन (China) के गलत इरादों का पूरा अनुमान भारतीय सेना को भी है। लिहाजा, इस क्षेत्र में भारतीय (Indian) सेना (Army) ने भी लंबे वक्त तक मोर्चा संभालने की पूरी तैयारी कर ली है। भारतीय सैनिक हालात पर नजर रख रहे हैं।
इनके पास, पर्याप्त राशन, इस क्षेत्र के लिए जरूरी खास तरह के कपड़े, स्पेशल आर्कटिक टेंट्स और दूसरे जरूरी उपकरण हैं। लद्दाख में इस वक्त करीब 35 हजार भारतीय सैनिक तैनात हैं।
वादे से मुकरा चीन
14 जुलाई को हुई कॉर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग में तय हुआ था कि दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी। इसके बाद दो राउंड की बातचीत और हुई। पहली मॉल्डो (चीन) और चुशूल (भारत) में, लेकिन गतिरोध जारी है। क्योंकि दोनों ही सेनाएं कुछ इलाकों में पीछे नहीं हटी हैं।