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आरसीईपी पर बोले जयशंकर बुरे समझौते के बदले समझौता न करना ही अच्छा
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शिमला समझौते से पाकिस्तान में विद्रोह और जम्मू-कश्मीर में समस्याएं ही बढ़ीं
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1962 और 1965 की जंग ने भारत को बहुत नुकसान पहुंचाया
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को उद्योग बना लिया है। वह भारत पर दबाव बनाने के लिए अपनी जमीन पर लगातार आतंकियों को समर्थन दे रहा है। इसका जवाब देना अब जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि 1972 में हुए शिमला समझौते से सिर्फ पाकिस्तान में विद्रोह और जम्मू-कश्मीर में समस्याएं ही बढ़ी हैं। जयशंकर दिल्ली में रामनाथ गोयनका मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान से सभी विवादों पर उसी स्थिति में बात करेंगे, जब वह सीमा पार आतंकवाद पर लगाम लगाए। विश्व मंच पर एक समय भारत की स्थिति काफी अच्छी थी, लेकिन चीन के साथ 1962 की जंग ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पाकिस्तान से भी 1965 का युद्ध हुआ। यह भारत के लिए बहुत बुरा दौर रहा।’’ कार्यक्रम में लोगों ने जयशंकर से चीन, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी), अनुच्छेद 370 और नेशनल रजिस्टर सिटिजन्स (एनआरसी) पर सवाल-जवाब भी किए। भारत के आरसीईपी से नहीं जुड़ने के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि कोई बुरा समझौता करने से अच्छा है कि कोई समझौता ही न किया जाए।