भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) आगामी क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए पहले ही टीम इंडिया के खिलाड़ियों का ऐलान कर चुका है। चुने गए 15 भारतीय खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी ऐसा भी है जिसके चयन को लेकर काफी विवाद हुआ। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि वह खिलाड़ी BCCI के किसी भी वर्ग में नहीं है। हम बात कर रहे हैं 9 वनडे मैच खेलकर वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाने वाले क्रिकेटर विजय शंकर के बारे में विजय शंकर के वर्ल्ड कप टीम में चुने जाने के बाद से ही दिग्गज खिलाड़ियों ने बीसीसीआई के इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। इसके पीछे उन्होंने विजय का कम अनुभव कारण बताया था। वर्ल्ड कप की 15 सदस्यों वाली में विजय शंकर अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जो A+, A, B और C किसी ग्रेड में नहीं है। दरअसल, अपने खिलाड़ियों को ग्रेड के अनुसार वेतन देती है। बता दें कि बीसीसीआई ने हाल ही में ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव किया है। बीसीसीआई ने पहले के A, B और C ग्रेड में एक और A+ को जोड़ दिया है।
क्या होता है ग्रेडिंग सिस्टम
BCCI के नए ग्रेडिंग सिस्टम के मुताबिक A+ ग्रेड में क्रिकेटर्स को 1 साल के 7 करोड़ रुपये दिए जाते हैं। इसमें तीनों फॉरमेट खेलने वाले 5 क्रिकेटरों के नाम शामिल हैं, ये हैं- कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह। ग्रेड A में 7 खिलाड़ी हैं। इन्हें एक साल के लिए 5 करोड़ रुपए मिलते हैं। इसमें आर अश्विन, आर जडेजा, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, ऋद्धिमान साहा और एमएस धोनी का नाम शामिल है। इसके अलावा ग्रेड B के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए और ग्रेड C में शामिल खिलाड़ियों को सालाना 1 करोड़ रुपए दिए जाते हैं. ग्रेड B में लोकेश राहुल, उमेश यादव, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, हार्दिक पांड्या, ईशांत शर्मा, दिनेश कार्तिक हैं। वहीं, ग्रेड C में केदार जाधव, मनीष पांडेय, अक्षर पटेल, करुण नायर, सुरेश रैना, पार्थिव पटेल और जयंत यादव के नाम शामिल हैं।
दिलचस्प बात यह है कि वर्ल्ड कप में खेलने वाली टीम में विजय शंकर अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका नाम अभी किसी भी ग्रेड में शामिल नहीं हुआ है। अपने 9 मैचों के वनडे करियर में विजय शंकर ने 165 रन बनाए हैं। उनका हाई स्कोर 46 रन है। वहीं, आईपीएल 12 में शंकर ने सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से 15 मैचों में 20.33 की औसत से 244 रन बनाए और उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 40 रन रहा। शंकर अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे। गेंदबाज के रूप में उन्हें केवल 5 मैचों में 8 ओवर करने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 70 रन देकर 1 विकेट लिया।