Nirbhaya Case: एक पुलिसकर्मी ने की जल्लाद बनने की पेशकश

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New Delhi/ Nirbhaya Victim : ऐसी रिपोर्ट्स के बाद कि निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए दिल्ली की तिहाड़ में जल्लाद नहीं है, तमिलनाडु के हेड कॉन्स्टेबल एस. सुभाष श्रीनिवासन ने तिहाड़ में जल्लाद बनने की पेशकश की है। तिहाड़ प्रशासन को पत्र लिखकर 42 वर्षीय सुभाष ने कहा है कि उन्हें इस काम के लिए कोई भुगतान नहीं चाहिए। 16 दिसंबर को निर्भया गैंगरेप और मर्डर की घटना को सात साल हो जाएंगे। बहुत से लोगों का मानना है कि इस मौके पर ही उसके दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। इस बीच तमिलनाडु के एक पुलिस जवान ने तिहाड़ जेल के डायरेक्‍टर जनरल (डीजी) को चिट्ठी लिखकर निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्‍लाद बनने की इच्‍छा जताई है। आपको बता दें कि निर्भया के साथ बलात्‍कार और फिर उसकी हत्‍या करने वाले एक दोषी ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी है। हालांकि कुछ दिनों पहले उसने अपनी दया याचिका को वापस लेने की अपील भी की है। अखबार द हिंदू की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 42 साल के एस सुभाष श्रीनिवासन ने तिहाड़ के डीजी को चिट्ठी लिखी है। सुभाष श्रीनिवासन, मदुरै के ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हैं और हेड कॉन्‍स्‍टेबल हैं। उन्‍होंने इंडिया पोस्‍ट के जरिए शुक्रवार को डीजी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्‍होंने लिखा है, ‘जब मैं वहां पर काम करूं तो आप मुझे तनख्‍वाह मत दीजिएगा। मैं आपको सुनिश्चित करता हूं कि आप मुझे जो काम देंगे वह प्रभावी तरीके से करूंगा। इसलिए मैं विनम्रता पूवर्क आपसे मुझे वहां पर काम करने के लिए विनती करता हूं।’ हेड कॉन्‍स्‍टेबल पहले भी जल्‍लाद के काम के लिए वॉलिंटीयर कर चुके हैं। तिहाड़ में नहीं है कोई जल्‍लाद श्रीनिवासन 1997 बैच के पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल हैं। उन्‍होंने बताया कि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि निर्भया के बलात्‍कारियों को फांसी देने के लिए कोई जल्‍लाद नहीं है। इन खबरों के बाद ही उन्‍होंने तिहाड़ के डीजी को चिट्ठी लिखी है। उन्‍होंने कहा कि यह काफी हैरान करने वाली बात है कि इस तरह का अपराध करने वाले दोषी जिन्‍हें मौत की सजा मिली हुई है सिर्फ इसलिए फांसी पर नहीं लटक पा रहे हैं क्‍योंकि जेल में कोई जल्‍लाद नहीं है। तिहाड़, साउथ एशिया की सबसे बड़ी जेल है। सामाजिक कामों में आगे श्रीनिवासन अपनी ड्यूटी के अलावा श्रीनिवासन कई तरह के सामाजिक कार्यों में भी शामिल रहे हैं। पुलिस सर्विस को ज्‍वॉइन करने के बाद से वह मदुरै जिलक के देवीपट्टीनाम में ट्रैफिक पुलिस के साथ काम कर चुके हैं। उस समय वह गर्मियों में लोगों को पानी पिलाने का काम करते थे। इसके अलावा जिन शवों का कोई दावेदार नहीं होता था श्रीनिवासन उनका अंतिम संस्‍कार भी करते थे। हाल ही में बटोरीं हैं सुर्खियां हाल ही में श्रीनिवासन उस समय खबरों में आए थे जब उन्‍होंने ‘सेव ट्री’ मिशन के तहत पेड़ों से कीलों को हटाने का काम किया था। हाल ही में पुलिस भर्ती के दौरान उन्‍होंने उन लोगों के लिए एक जूस तैयार किया था जो भर्ती के लिए शारीरि‍क टेस्‍ट के लिए आए थे। उनका मकसद जूस के जरिए परीक्षार्थियों के इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करना और उन्‍हें डेंगू से सुरक्षित रखना था

 

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