नई दिल्ली: कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक अपराधी अरबाज के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
शूटर और साजिशकर्ता ही नहीं, उन्हें शरण और संरक्षण देने वाले लोगों पर भी धारा 120-बी के तहत आपराधिक साजिश का केस लिखकर गिरफ्तारी की जाएगी। ऐसा लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है।
एडीजी ने कहा कि यूपी पुलिस अपील करती है कि अगर कोई गलत व्यक्ति आपसे शरण या संरक्षण मांगता है तो आप इसकी सूचना पुलिस को दीजिए, आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
डीजीपी की ओर से प्रयागराज पुलिस के अधिकारियों से कहा गया है कि सभी अपराधियों पर तेजी से एक्शन लिया जाए, इनाम रखा जाए, कोई व्यक्ति सूचना देता है तो इनाम की राशि उसे दी जाएगी।
अतीक अहमद के बेटों की पेशी का रहा इंतजार
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज के न्यायालय में सुबह से शाम पांच बजे तक अतीक अहमद के अधिवक्ताओं की टीम न्यायालय कक्ष के बाहर उपस्थित रही। उन्हें उम्मीद थी कि अतीक अहमद के जिन दो लड़कों को पूछताछ के लिए थाने पर रोके रखा गया है उन्हें न्यायालय में पुलिस पेश करेगी क्योंकि भारी संख्या में न्यायालय कक्ष के बाहर पुलिस अधिकारी भी मुस्तैद रहे।
शाम तक जब पेशी नहीं हुई तो सब वापस गए। न्यायालय कक्ष में वरिष्ठ अधिवक्ता राधेश्याम पांडेय, निसार अहमद, आरबी सिंह, विजय कुमार मिश्रा, सरफराज सहित अधिवक्ताओं की टीम ने बताया कि वह इसलिए यहां पर उपस्थित हैं क्योंकि अतीक के जिन दोनों लड़कों को पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने पर रोके रखा है वह दोनों नाबालिग हैं और उनके द्वारा न्यायिक हिरासत के संबंध में बहस करनी है क्योंकि इन्हें अवैध रूप से थाने पर रोके रखा गया है।
उमेश पाल अपहरण केस में आज होगी सुनवाई
जिस मुकदमे की पैरवी कर लौटते वक्त उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी, उस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए की विशेष न्यायालय में मंगलवार को होगी।
विशेष न्यायालय के विशेष न्यायाधीश डा. दिनेश चंद्र शुक्ल मामले की सुनवाई कर रहे है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य ने बताया कि सोमवार को सुनवाई के लिए तिथि नियत थी।
अधिवक्ताओं के हड़ताल पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 28 फरवरी को सुनवाई के लिए दो बजे पेश करें। मुकदमा अंतिम बहस पर है।
बहस पूरी होने के बाद फैसले की तिथि नियत की जाएगी। उच्च न्यायालय ने मुकदमे में 16 मार्च के पहले फैसला देने का आदेश दे रखा है।
इस मुकदमे में उमेश पाल ने अतीक और अशरफ समेत अन्य के खिलाफ उन्हें अगवा कर राजू पाल हत्याकांड में गवाही बदलने के लिए धमकाने का आरोप लगाया था।