नई दिल्ली: कोरोना (Corona) संक्रमित बच्चा अगर अस्पताल में भर्ती है तो उसके अभिभावक (माता-पिता) को कोविड वार्ड में प्रवेश दिया जा सकता है। उन्हें पीपीई किट पहनकर वहां रुकने की अनुमति दी जानी चाहिए। तीसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली सरकार की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति ने यह सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द इस पर फैसला लेंगे।
समिति ने सुझाव दिया कि आईसीयू में बच्चों की देखभाल के लिए और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार करने की बात कही है। तीसरी लहर के लिए 10 हजार से ज्यादा आईसीयू बेड बनाने की योजना बनाई गई है। यह ऑक्सीजन बेड से अलग होंगे।
अस्पताल में अभिभावकों को रुकने के लिए अलग से केंद्र बनाया जाएगा। बच्चों को कैसे संभाला जाए, कैसे इलाज किया जाए, इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की टीम बनाने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका प्रबल है और उनकी सरकार इससे निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर पर ब्रिटेन से संकेत मिल रहे हैं। 45 प्रतिशत तक टीकाकरण के बावजूद वहां मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते हैं और हमारी सरकार इससे निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही है।