उत्तराखंड (Uttrakhand) के चमोली (Chamoli) में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 36 लोगों की मौत हो गई है। वहीं अभी भी करीब 170 से ज्यादा लोग लापता हैं। बड़ी बात यह है कि तपोवन की साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सुरंग में अभी भी करीब 35 लोग फंसे हैं। इन लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन दिन रात चल रहा है।
About 35 people are stuck inside the tunnel, we’re trying to drill and make way via rope to reach them. We have recovered 2 more bodies, total death count 28 so far. Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/kIUAraxZHB
— ANI (@ANI) February 9, 2021
इस वक्त टनल के क्या हालात हैं?
अभी 130 मीटर टनल साफ हो चुकी है। 180 मीटर की दूरी पर टर्न है। उम्मीद है कि फंसे लोग यहां हो सकते हैं, क्योंकि टर्न की वजह से हो सकता है कि वहां मलबा ना गया हो। सैलाब ने सबसे ज्यादा नुकसान एनटीपीसी के पावर प्रोजेक्ट को पहुंचाया है।
#WATCH: Rescue operations underway at the tunnel in Chamoli, Uttarakhand where around 35 people are feared to be trapped.
(Video Source: Indian Army) pic.twitter.com/Mwj31NDoUR
— ANI (@ANI) February 9, 2021
ये पावर प्रोजेक्ट तपोवन में बन रहा है और वहां दो टनल यानी सुरंगों का काम बड़े ही जोर शोर से चल रहा है। लेकिन ग्लेशियर टूटने के बाद जब 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जो पानी यहां पहुंचा, तो सुरंगों में कीचड़ भर गया।
टनल में सबसे बड़ा रेस्क्यू मिशन
प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर इस सुरंग में फंस गए, क्योंकि सैलाब के साथ आए मलबे ने सुरंग का मुंह बंद कर दिया। इसके बाद से ही युद्धस्तर पर सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने का काम चल रहा है।
#WATCH I Uttarakhand: A joint team of ITBP, Army, NDRF and SDRF enters into the Tapovan tunnel to check the water level inside the tunnel ahead of the point till where the debris has been cleared.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/D53UNKp0iI
— ANI (@ANI) February 9, 2021
वैसे एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन से उम्मीद की किरण कल सुबह तब दिखनी शुरू हुई, जब एसडीआरएफ के जवानों ने नक्शे पर सुरंग का जायजा लिया और हर गुजरते घंटे के साथ बचाव दल मलबे के आखिर तक पहुंचने की कोशिश में लग गया।