गरमा रहा है तीस हजारी विवाद, कानून के रखवालों में हुई भिड़ंत

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Tis Hajari Strike

नई दिल्ली /New Delhi :  सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय Delhi Police headquarters के बाहर मंगलवार को प्रदर्शन किया था यह प्रदर्शन तीस हजारी अदालत Tis Hajari Court परिसर में वकीलों से हिंसक झड़प के विरोध में हुआ । दिल्ली पुलिस ने यह धरना प्रदर्शन 10 घंटे बाद खत्म तो करवा दिया लेकिन वकीलों की हड़ताल आज भी जारी है। दिल्ली के वकील पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर है। साकेत में वकीलों ने कोर्ट के अंदर आने वाले सभी दरवाज़ों को बंद कर दिया है। वहीं पटियाला और तीस हजार कोर्ट में भी वकीलों ने कामकाज ठप कर दिया। उधर, इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होनी है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। दिल्ली की ऑल बार एसोसिएशन्स Delhi All Bar Association की समन्वय समिति के अध्यक्ष महावीर शर्मा Chairman of the Coordination Committee of All Bar Associations in Delhi Mahavir Sharma ने मंगलवार को कहा ही था कि वकील बुधवार को भी काम का बहिष्कार करेंगे । रोहिणी में एक वकील कोर्ट की बिल्डिंग के ऊपर चढ़ा। साकेत कोर्ट के गेट पर वकीलों ने ताला लगाया। दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और ज्वाइंट सीपी राजेश खुराना दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से मिलने पहुंचे। 

क्या कहतें हैं (बीसीआई) अध्यक्ष मनन मिश्रा:

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन मिश्रा Bar Council of India (BCI) chairman Manan Kumar Mishra ने सभी बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर हड़ताल खत्म करने और जल्द काम पर लौटने को कहा है। उन्होंने ऐसे वकीलों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है जिनकी वजह से संस्था की छवि धूमिल हो रही है। बीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि सहनशीलता ऐसे वकीलों का हौसला बढ़ाती है। इसकी परिणति उच्च न्यायालयों में अवमानना कार्यवाही के रूप में होती है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के शानदार कदम के बाद भी चार नवंबर को वकीलों ने जिस तरह का आचरण किया, उसने हमें विचलित किया है। हिंसा का सहारा लेकर हम अदालतों, जांच कर रहे न्यायाधीश, सीबीआई CBI , आईबी IBऔर सतर्कता विभाग की सहानुभूति भी खो रहे हैं। यहां तक कि आम जनता की राय भी हमारे खिलाफ जा रही है। इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं।

क्या कहतें हैं दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक:

मंगलवार सुबह-सुबह प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा होने लगे तो वहां सड़क पर जाम लग गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक Amulya Kumar Patnaik  Commissioner of Delhi Police को पुलिसकर्मियों से ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध करना पड़ा। उन्होंने पुलिसकर्मियों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा,‘बीते कुछ दिन हमारे लिए परीक्षा की घड़ी रहे हैं। न्यायिक जांच चल रही है और मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रक्रिया में भरोसा बनाए रखें।  इस प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों के परिवार वाले भी शामिल हुए और उन्होंने दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने काली पट्टियां बांध रखी थीं और वे न्याय की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। दिल्ली पुलिस के समस्त शीर्ष अधिकारी उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिसकर्मियों ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था, ‘पुलिस वर्दी में हम इंसान हैं, हम पंचिंग बैग नहीं हैं।’ ‘रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत।’ उन्होंने अपने वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वर्दी का सम्मान बचाने की खातिर वे उनके साथ खड़े रहें। 

अनुग्रह राशि से लेकर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट तक:

विशेष पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने हड़ताली पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि घायल पुलिसकर्मियों को कम से कम 25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई मारपीट की घटना की रिपोर्ट मंगलवार को गृह मंत्रालय को सौंप दी। दिल्ली की तीस हजारी अदालत में शनिवार को हुए बवाल में दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था उत्तरी परिक्षेत्र) वरिष्ठ आईपीएस संजय सिंह और उत्तरी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह  Special Commissioner of Delhi Police (Law and Order Northern Zone) Senior IPS Sanjay Singh and Additional District Deputy Commissioner of Police Harendra Kumar Singh को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। 

याद आयी किरण बेदी: 

प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी नारे लगा रहे थे- ‘दिल्ली पुलिस का अधिकारी कैसा हो, किरण बेदी Kiran Bedi Lieutenant Governor of Puducherry. जैसा हो।’ उनका कहना था कि वह भी वर्दी के पीछे एक इंसान हैं। उनकी पीड़ा कोई क्यों नहीं समझता। दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच इससे पहले 17 फरवरी, 1988 को जोरदार झड़प हुई थी। तब तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस वालों के बीच जमकर बवाल हुआ था। उस समय पुलिस उपायुक्त किरण बेदी थीं। उन्होंने पुलिस वालों को वकीलों पर लाठी चार्ज का आदेश दिया था। उस वक्त पुलिस की तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई थी। 

उपद्रवी वकीलों की पहचान करने का हुआ अनुरोध:

तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच संघर्ष के बाद की घटनाओं के मद्देनजर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बार संगठनों को पत्र लिखकर उपद्रव करने वाले वकीलों की पहचान करने का अनुरोध किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने वकीलों से विरोध खत्म करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे संस्थान की छवि खराब हो रही है। उन्होंने एक पत्र में कहा कि इस तरह के तत्वों को बख्शने की वजह से संस्थान की छवि खराब हो रही है और बार संगठनों की निष्क्रियता तथा सहनशीलता ऐसे वकीलों का हौसला बढ़ाती है। 

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