नई दिल्ली: देश में कोरोना (Corona) वायरस (virus)संक्रमण के मामलों में इन दिनों तेजी देखी जा रही हैै। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के केस भी भारत में 500 का आंकड़ा पर कर चुके हैं। इसे देखते हुए अब 10 जनवरी से देश में स्वास्थ्य और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल की उम्र से अधिक के लोगों को डॉक्टरी सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की तीसरी खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी।इसे बूस्टर (Booster) डोज (Dose) की बजाय प्रीकॉशन (Precaution) डोज (Dose) नाम दिया गया है।
इसके साथ ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाए हुए 9 महीने बीत चुके हैं, उन्हें भी यह प्रीकॉशन डोज लगाई जा सकती है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि दूसरी और तीसरी डोज के बीच 9 महीने के अंतराल का निर्णय पांच वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित है। इन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और फरीदाबाद के ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट ने किया था।
इस 9 महीने के अंतराल के आधार पर उन्हीं लोगों को अभी तीसरी डोज लग पाएगी जिन्हें इस साल 10 अप्रैल तक दूसरी डोज लगा दी गई थी। इन लोगों में प्रमुख रूप से हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं, जिन्हें 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू किया गया था। सरकारी सूत्र का कहना है कि कोविन एप में उन लोगों का डाटा अपने आप अपडेट होकर दिखने लगेगा, जो तीसरी डोज के पात्र होंगे।
उनका कहना है कि इस संबंध में सरकार पात्र लोगों की संख्या तैयार कर रही है। इस पर जल्द ही घोषणा हो सकती है। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 60 वर्ष से ऊपर की आयु के अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित नागरिकों के लिए, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की प्रीकॉशन खुराक का विकल्प उनके लिए भी उपलब्ध होगा। ये भी 10 जनवरी से उपलब्ध होगा।