Corona Virus Lockdown: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से बातचीत की. इस बातचीत में दोनों के बीच कोरोना संकट के दौरान अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर चर्चा हुई. इससे पहले राहुल गांधी ने रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की थी. राहुल गांधी की बातचीत में बनर्जी का सबसे ज़्यादा ज़ोर इस बात पर रहा कि सरकार लोगों के हाथ में पैसा दे. बनर्जी का मानना है कि लोगों की ख़रीद क्षमता बनी रहनी चाहिए और उनका यह भरोसा भी बना रहना चाहिए कि जब लॉकडाउन खुलेगा तो उनके हाथ में ख़र्च करने के लिए पैसा होगा. इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि वो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को पैसा दे. राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बनर्जी ने कहा कि भारत को अमरीका की तरह बड़ा प्रोत्साहन पैकेज देना होगा ताकि लोगों के हाथ में पैसे आएं और बाज़ार में मांग बढ़ सके.
मोदी सरकार के किन क़दमों की तारीफ़?
उन्होंने मोदी सरकार के कुछ क़दमों की सराहना भी की.
नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का कहना था कि सरकार ने कर्ज़ के भुगतान पर तीन महीने की रोक लगाकर अच्छा काम किया है, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि बेहतर होता कि वह इस भुगतान को पूरी तरह माफ़ करने और खु़द करने का एलान करती.
इसी दौरान राहुल गांधी ने पूछा कि क्या न्याय की तर्ज़ पर लोगों को रकम दी जा सकती है?
A conversation with Nobel Laureate, Abhijit Banerjee on the economic impact of the COVID19 crisis. https://t.co/dUrok8Wm3Q
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2020
बनर्जी ने कहा कि क्यों नहीं, अगर निम्न वर्ग की 60 फ़ीसदी आबादी के हाथों में कुछ पैसा देते हैं तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है.
पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में न्याय का वादा किया था.
इसके तहत देश के करीब 5 करोड़ परिवारों को सालाना 72 हज़ार रुपये देने का वादा किया गया था.
सोशल मीडिया पर किसने क्या लिखा?
राहुल और अभिजीत बनर्जी की इस बातचीत की चर्चा सोशल मीडिया पर भी है.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ”चाहे वो राहुल हों या कांग्रेस पार्टी, वो फ़ेक न्यूज़, फ्रस्ट्रेटेड और ग़लत विचारों की एक फ्रस्ट्रेटेड फैमिली और बिरादरी बनती जा रही है. इस संकट के समय इस तरह की सियासी सनक उनका ही बंटाधार करेगी.”
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, “पहले रघुराम राजन और अब अभिजीत बनर्जी. अब जब राहुल गांधी ही इंटरव्यू लेने वाले बन गए हैं तो हमें दूसरे करियर की ओर रुख़ करना चाहिए. न्यूज़ एंकर्स से इतर राहुल गांधी इंटरव्यू देने वाले को बिना दख़ल दिए सुनते हैं.”
First with Raghuram Rajan, now with Abhijit Banerjee.. as @RahulGandhi turns interviewer, maybe we need to look for an alternate career!😄 to be fair, he does listen to his guests without interrupting more than most news anchors do!😄
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) May 5, 2020
सान्या राठौर ने लिखा, “मैंने ये चर्चा सुनी और निजी तौर पर मेरा मानना है कि इसमें डॉक्टर मनमोहन सिंह को भी शामिल किया जाना चाहिए था. वो हमें हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में सटीक जानकारी दे सकते थे.”
ख़ुद को कांग्रेस समर्थक बताने वाली नेहा चौहान लिखती हैं, ”यहां ग़ौर करने लायक बात ये है कि राहुल गांधी का सारा ध्यान ग़रीबों पर है और अभिजीत बनर्जी हमें ग़रीबी की नई परिभाषा समझाने में मदद कर रहे हैं. इस महामारी की वजह से कितने ही लोग ग़रीबी की ओर ढकेल दिए गए.”
What is important to note here is that @RahulGandhi is focusing extensively on the poor and Abhijit Banerjee is helping us carve a new definition of poor i.e. people who have recently been thrown to the edge of poverty by the pandemic#InConversationWithRahulGandhi
— Neha Chauhan (@nehajoychauhan) May 5, 2020
ट्विटर पर काफ़ी सारे लोगों ने ये भी लिखा, ”राहुल गांधी अर्थशास्त्री रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी से संवाद करते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी अक्षय कुमार और सलमान से संवाद करते हैं.”