दुश्मन की पोजिशन पर रॉकेट और बमों की सटीक मार से कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को तबाह करने वाले लड़ाकू विमान मिग-27 आज देश की वायुसेना को अलविदा कह देंगे। करीब 34 वर्ष वायुसेना का हिस्सा रहने के बाद ये शुक्रवार को आखिरी उड़ान भरेंगे। इस मौके पर जोधपुर एयरबेस पर एक विशेष कार्यक्रम जारी है, जहां इन्हें पूरे सम्मान कि साथ विदाई दी जाएगी।
भारतीय वायु सेना के बेड़े में 1985 में शामिल किया गया यह अत्यंत सक्षम लड़ाकू विमान ज़मीनी हमले की क्षमता का आधार रहा है। वायु सेना के सभी प्रमुख ऑपरेशन्स में भाग लेने के साथ मिग-27 नें 1999 के कारगिल युद्ध में भी एक अभूतपूर्व भूमिका निभाई थी। pic.twitter.com/9EtQv71sOh
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 26, 2019
इस बारे में रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि विदाई समारोह में स्वाड्रन संख्या 29 के आखिरी सात मिग-27 अपनी आखिरी उड़ान भरेंगे। वहीं 31 मार्च 2020 को इनकी आधिकारिक ‘नंबर प्लेटिंग’ (सैन्य सेवा से बाहर करने की प्रक्रिया) होगी। मिग23, मिग23एमएफ और खालिस मिग-27 पहले ही सेवानिवृत्त किए जा चुके हैं।
Rajasthan: Indian Air Force retires MiG-27 today at Air Force Station Jodhpur pic.twitter.com/lClqHd5ifa
— ANI (@ANI) December 27, 2019
सबसे आखिर में विदा हो रहे मौजूदा ये मिग-27 अपग्रेडेड श्रेणी के हैं। इनका दस्ता 2006 में वायुसेना में शामिल किया गया था। मिग-27 का उपयोग 2001-02 में ऑपरेशन पराक्रम में भी हुआ था जो 1971 के बाद भारतीय सेना की सबसे बड़ी लामबंदी मानी जाती है। वायुसेना ने ट्वीट कर बताया कि मिग-27 को वायुसेना में 1985 में शामिल किया गया था।