नासा ने दिखाई तस्‍वीर, चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा

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बेंगलुरु : चांद की सतह पर इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर के मलबे को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ढूंढ निकाला है। मंगलवार सुबह नासा ने अपने लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (एलआरओ) द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की है, जिसमें विक्रम लैंडर से प्रभावित जगह नजर आ रही है। नासा ने एक बयान जारी कर कहा है कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर मिल गया है। तस्‍वीर में नीले और हरे डॉट्स के माध्‍यम से विक्रम लैंडर के मलबे वाला क्षेत्र दिखाया गया है।नासा ने अपने बयान में कहा है कि उसने 26 सितंबर को क्रैश साइट की एक तस्‍वीर जारी की थी और लोगों को विक्रम लैंडर के संकेतों की खोज करने के लिए बुलाया था। इसके बाद शनमुगा सुब्रमण्यन नाम के एक व्यक्ति ने मलबे की एक सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओ परियोजना से संपर्क किया। शानमुगा ने मुख्य क्रैश साइट के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे की पहचान की थी। यह पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) में एक एकल उज्ज्वल पिक्‍सल पहचान थी। नवंबर मोजेक इंपैक्‍ट क्रिएटर, रे और व्‍यापक मलबा क्षेत्र को सबसे अच्‍छा दिखाता है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2×2 पिक्‍सल के हैं।

इसरो से टूट गया था चंद्रयान 2 का संपर्क
आपको बता दें कि इससे पहले अक्‍टूबर में नासा ने बयान जारी किया था कि उन्हें ऑर्बिटर से मिले ताजा फोटो में चंद्रयान -2 के लैंडर का कोई पता नहीं चला है। नासा ने कहा कि हो सकता है जिस समय हमारे ऑर्बिटर ने फोटो ली, उस समय लैंडर किसी छाया में छिप गया हो। नासा के एक प्रॉजेक्‍ट साइंटिस्ट ने बताया था कि हमारे ऑर्बिटर ने 14 अक्टूबर को चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडिंग साइट की फोटो ली थी, लेकिन हमें वहां से कोई ऐसी फोटो नहीं मिली, जिसमें विक्रम लैंडर को देखा जा सके। गौरतलब है कि चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग से महज एक मिनट पहले इसरो का चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया था।

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