लेह पहुंचे पीएम (PM) मोदी (Modi) ने जवानों को संबोधित किया। पीएम (PM) मोदी (Modi) ने कहा, ”आपका यह हौसला, आपका शौर्य और मां भारत के मान सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुल्यनीय है।
आपकी जिवटता भी दुनिया में किसी से कम नहीं। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा करते हैं उसकी सेवा करते हैं। उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi addresses soldiers in Nimoo, Ladakh https://t.co/LCa8oWxL39
— ANI (@ANI) July 3, 2020
आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है जिसे आप हर दिन कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत है जो आपके ईर्द गिर्द खड़ी है।
आपकी इच्छाशक्ति पर्वतों जितनी अटल है। आज आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं। अपनी आंखों से देख रहा हूं।”पीएम ने कहा- मैं मेरे सामने महिला फौजियों को भी देख रहा हूं। युद्ध के मैदान में यह दृश्य प्रेरणा देता है।
#WATCH I am looking at women soldiers in front of me. In the battlefield at the border this view is inspiring….Today I speak of your glory: PM Modi in Ladakh pic.twitter.com/bMElnJRoy7
— ANI (@ANI) July 3, 2020
राष्ट्र कवि रामधानी दिनकर जी ने लिखा था, ”जिनके सिंहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल। मैं अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं।
आपका अभिनंदन करता हूं। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए अपने वीर जवानों को भी पुन: श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इनमें पूरब-पश्चिम, दक्षिण से देश के हर कोने से वीर अपना शौर्य दिखाते हैं।
उनके पराक्रम उनके सिंहनाद से धरती अब भी उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का सिर आपके सामने अपने देश के वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।”
पीएम (PM) ने कहा- सिंधु के आशीर्वाद से यह धरती पुण्य हुई है। वीर सपूतों के शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को यह धरती समेटे हुए है। लेह लद्दाख से लेकर करगिल और सियाचिन तक, रेजांगला की बर्फीली चोटियों से गलवान नदी की ठंडी धारा तक हर चोटी, हर कंकड पत्थर भारतीय सैनिकों की पराक्रम की गवाही देते हैं।
14 कोर की जाबांजी के किस्से तो हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, जाना है, आपकी शौर्यगाथाएं घर-घर गूंज रही है। भारत माता के दुश्मनों ने आपकी फायर और आपकी फ्यूरी भी देखी है।
लद्दाख का यह पूरा हिस्सा यह भारत का मस्तक 130 करोड़ देशवासियों के मान सम्मान का प्रतीक है। यह भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए तैयार रहने वालों की राष्ट्रभक्तों की धरती है।