CoronaVirus: साइंटिस्ट्स ने जगाई जल्द इलाज ढूंढे जाने की उम्मीद

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  • कोरोना से जंग में वैज्ञानिकों को मिली अहम कामयाबी, वायरस की असल तस्वीर हुई कैद
  • वायरस से संक्रमित कोशिका की तस्वीर लेने में भी कामयाब हुए वैज्ञानिक
  • चीन के वैज्ञानिकों की एक टीम के हाथ लगी ये बड़ी कामयाबी, जल्द इलाज ढूंढे जाने की जगी उम्मीद
पेइचिंग: घातक कोरोना वायरस दुनिया के लिए नया है। इसलिए अभी तक यह नहीं पता था कि उसकी संरचना कैसी है, वह दिखता कैसा है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि वैज्ञानिकों की एक टीम को वायरस की असल संरचना को जानने में कामयाबी मिली है। इतना ही नहीं, जब यह वायरस किसी कोशिका को संक्रमित करता है तो उस वक्त कोशिका की क्या स्थिति होती है, इसकी भी तस्वीर लेने में वैज्ञानिक कामयाब हुए हैं।

जल्द अचूक इलाज ढूंढे जाने की जगी उम्मीद

यह कामयाबी इसलिए काफी अहम है कि इससे कोरोना वायरस की पहचान करने, विश्लेषण करने और जरूरी क्लिनिकल रिसर्च का रास्ता साफ हो सकता है। यानी वैज्ञानिकों को इस नए खतरनाक वायरस की काट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

जिंदा कोरोना वायरस कैसा दिखता है, इसकी सबसे विश्वसनीय तस्वीर
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण चीन के शेनजेन में रिसर्चरों की एक टीम ने ऐसी पहली तस्वीर जारी की है जो यह बताती है कि नया कोरोना वायरस ‘असल में दिखता’ कैसा है। इस तस्वीर को फ्रोजेन इलेक्ट्रॉन माइक्रोसोप ऐनालिसिस टेक्नॉलजी की मदद से कैद किया गया है।

यूएस के क्रूज शिप पर 21 लोगों में कोरोना

  • सैन फ्रांसिस्को तट से कुछ दूर खड़े यूएस क्रूज शिप पर 21 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है उनमें 19 क्रू मेंबर्स हैं और 2 यात्री हैं।
  • इटली में कोरोना वायरस से शुक्रवार को 49 और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही देश में इस विषाणु से मरने वालों की संख्या 197 हो गई है। कोरोना वायरस से सर्वाधिक मौत चीन और फिर इटली में हुई हैं। देश में इस वायरस के संक्रमण के कुल 4,636 मामले हो गए हैं जो चीन, दक्षिण कोरिया और ईरान के बाद सर्वाधिक हैं।
  • फेसबुक ने शु्क्रवार को बताया कि वह लंदन कार्यालय और सिंगापुर कार्यालय के कुछ हिस्सों को गहन सफाई के लिए बंद कर रहा है। यह कदम सिंगापुर में एक कर्मी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उठाया गया है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि सिंगापुर स्थित मरीना वन ऑफिस में शुक्रवार को एक कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। ई-मेल के जरिये जारी बयान में उन्होंने कहा, ‘हमने गहन सफाई के लिए तत्काल प्रभावित हिस्से को बंद कर दिया है और कर्मचारियों को 13 मार्च तक घर से काम करने की सलाह दी गई है।’ प्रवक्ता के मुताबिक संक्रमित शख्स 24 से 26 फरवरी के बीच लंदन कार्यालय गया था। इसलिए सोमवार तक लंदन कार्यालय को भी गहन सफाई के लिए बंद किया गया है और तब तक कर्मचारी घर से ही काम करेंगे। फेसबुक पहले ही अगले आदेश तक अपने शंघाई कार्यालय को बंद कर चुका है। इटली और दक्षिण कोरिया के कर्मियों को घर से काम करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा सैन फ्रांसिस्को खाड़ी इलाके के कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को भी शुक्रवार से घर से काम करने की सिफारिश की गई।
  • भारत में कोरोना के 31 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। सरकार इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
  • चीन के बाद अब कोरोना इटली और ईरान में कहर बरपा रहा है। इटली में तो शुक्रवार को ही अकेले 49 लोगों की मौत हुई है। ईरान में कोरोना से 124 लोगों की मौत हुई है।

इस तकनीक के जरिए वायरस को निष्क्रिय करने के बाद उसकी तस्वीर ली गई है। इस तकनीक के जरिए वायरस के जैविक नमूने को सुरक्षित किया गया जिससे यह पता चलता है कि जब यह वायरस जिंदा था तो किस स्थिति में और कैसा था। यह सबसे विश्वसनीय रिजल्ट है।

दक्षिण चीन के शेनजेन में रिसर्चरों की टीम को बड़ी कामयाबी
रिसर्च टीम के मेंबर और असोसिएट प्रफेसर लिउ चुआंग ने बताया, ‘वायरस की जिस संरचना को हमने देखा वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा जिंदा होने पर वायरस होता।’ टीम ने इसके साथ-साथ वायरस से संक्रमित होने वाली कोशिका की स्थिति को भी तस्वीरों में कैद करने में कामयाबी हासिल की है। इस अहम कामयाबी को शेनजेन नैशनल क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च सेंटर और सदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी की संयुक्त टीम ने हासिल किया है। इससे वायरस की पहचान, उसके विश्लेषण और जरूरी क्लिनिकल रिसर्च का महत्वपूर्ण रास्ता साफ हो सकता है।

कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क कितना जरूरी?कोरोना वायरस के खौफ के चलते देश में मास्क खरीदने के लिए जबरदस्त मारामारी है। पर सवाल यह है कि हमें मास्क की जरूरत है भी या नहीं? इस विडियो में जानेंगे कि कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना कितना जरूरी है।

वायरस की लाइफ साइकल को समझने को मिलेगी मदद: वैज्ञानिक
सदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी के फ्रोजेन माइक्रोस्कोपी सेंटर में असोसिएट प्रफेसर लिउ चुआंग ने बताया, ‘तस्वीरों का हमारे लिए वैज्ञानिक महत्व है, इससे हमें वायरस की लाइफ साइकल को समझने में मदद मिलेगी।’ टीम ने बताया कि रिसर्चरों ने 27 जनवरी को एक मरीज के भीतर से कोरोना वायरस को अलग किया और तकनीक के जरिए बहुत ही तेजी से जीनोम सिक्वेंसिंग और उसकी पहचान के काम को पूरा किया। यह अध्ययन गुरुवार को bioRxiv जर्नल में प्रिंट से पहले ऑनलाइन प्रकाशित हुई है।

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