कोरोना वायरस: भारत के स्पेशल विमान को चीन से नहीं मिल पा रही मंज़ूरी

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  • चीन का कहना है कि भारतीय विमान के वुहान लाने में देरी को वह जिम्मेदार नहीं है
  • उसने कहा कि हमने मंजूरी देने में कोई देरी नहीं की है, दोनों पक्षों में बातचीत जारी है
  • यह विमान 20 फरवरी को कोरोना वायरस प्रभावित वुहान शहर के लिए रवाना होना था
  • इस विमान से मेडिकल सप्लाई भेजा जाएगा और वापसी में भारतीयों को लाया जाएगा

पेइचिंग: चीन ने दावा किया है कि मेडिकल सप्लाई से भरे भारत के स्पेशल विमान को कोरोना वायरस के केंद्र वुहान शहर भेजने में उसकी तरफ से कोई देरी नहीं की जा रही है। बता दें कि लौटते वक्त इस विमान से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा जो वहां फंसे हुए हैं। चीन ने कहा कि दोनों देशों के संबंधित विभाग शेड्युल तय करने पर बातचीत कर रहे हैं। ऐसी खबर है कि स्पेशल फ्लाइट को चीन का क्लियरेंस न मिलने के कारण तारीख तय नहीं हो पाई है। यह विमान 20 फरवरी को चीन के लिए रवाना होने वाला था।

उल्लेखनीय है कि भारत ने 17 फरवरी को घोषणा की थी कि वह एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान को मेडिकल आपूर्ति के साथ वुहान भेजेगा और साथ ही वहां फंसे भारतीयों को लौटते वक्त लाया जाएगा। अब तक 647 भारतीयों और मालदीव के नागरिकों को एयर इंडिया की दो स्पेशल फ्लाइट से नई दिल्ली लाया गया है।

भारत के तीसरी विमान को मंजूरी देने में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पेइचिंग ने पहले भी वुहान शहर व हुबेई प्रांत से बड़ी संख्या में भारतीयों को निकालने में मदद की है। उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों के सक्षम विभाग बाकी बचे 80 भारतीयों के लिए बंदोबस्त करने पर अब भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। चीन विमान को अनुमति देने में देरी नहीं कर रहा है।’ गेंग ने कहा कि चीन की सरकार सभी विदेशी नागरिकों के जीवन और सेहत को महत्व देती है।

उन्होंने आगे कहा, ‘हमने उन्हें हर संभव मदद का ऑफर दिया है और हम यह जारी रखेंगे। फिलहाल, चीन का एहतियाती कदम उठाना प्रभावी साबित हुआ है। हमें उम्मीद है कि संबंधित देश डब्ल्यूएचओ की अनुशंसा का सम्मान करेंगे और ओवररिएक्ट करने से बचेंगे। चीन इस महामारी से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करना जारी रखेगा।’

उल्लेखनीय है कि चीन भले ही एहतियाती कदम उठाने के दावे कर रहा हो लेकिन हर रोज मरने वालों और प्रभावित की संख्या में वृद्धि हो रही है। अब तक चीन में 2236 लोगों की मौत हो चुकी है और 85 हजार से अधिक लोग संक्रमित हैं, ऐसे में चीन में मौजूद अपने नागरिकों को लेकर भारत सहित अन्य देशों का चिंता जाहिर करना जायज कहा जा सकता है।

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