जल्द ही रिहा किए जा सकते हैं कुछ और कश्मीरी नेता

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जम्मू :  जम्मू-कश्मीर में सौ दिन से अधिक समय से हिरासत में चल रहे कुछ नेताओं को जल्द रिहा किया जा सकता है। इन नेताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों में भी ढील दी जा रही है। कुछ राजनीतिक नेताओं को स्वास्थ्य कारणों से घाटी के बाहर जाने की इजाज़त भी मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर सरकार के कुछ अधिकारियों ने इसके संकेत भी दिए हैं, लेकिन केंद्र सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद ही इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

नेताओं को कुछ देर के लिए घर जाने की इजाजत

सूत्रों के अनुसार, राज्य प्रशासन ने गत शनिवार को चार से पांच नेताओं को उनके अनुरोध पर कुछ देर के लिए घर जाने की इजाजत भी दी थी। बता दें कि हाल ही में डल झील के किनारे बने सेंटूर होटल (सब जेल) से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को ठंड के कारण एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट किया गया था। इस हॉस्टल को भी सब जेल का दर्जा दिया गया है।

कश्‍मीर में पड़ रही है कड़ाके की ठंड

ये नेता जम्मू-कश्मीर से पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही हिरासत में हैं। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं। डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया है। इस समय कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

पिछले दिनों नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने रिहाई के लिए बांड भरने से मना कर दिया है। नौकरशाही छोड़ सियासत में आए डॉ. शाह फैसल ने कथित तौर बांड फाड़ दिया। पिछले दिनों होटल संटूर में हिरासत में रखे गए 34 राजनीतिक बंदियों को एमएलए हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया। प्रशासन ने सभी बंदियों को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले होटल में हिरासत में लेकर रखा था।

भारी बर्फबारी के चलते होटल में ठंड से बचाव के सही हीटिंग प्रबंध नहीं थे। श्रीनगर में कड़ाके की ठंड के कारण नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी सेहत खराब होने की शिकायत कर रहे थे। इनकी सुरक्षा में शामिल सुरक्षाबलों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा था।

स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़े असर की शिकायत

हिरासत में रखे गए कुछ नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों ने इससे उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर की शिकायत की थी। महबूबा मुफ्ती को भी इसी कारण टूरिस्ट हट से सरकारी आवास में शिफ्ट किया गया था। इनके अलावा पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, आइएएस से त्यागपत्र देकर नेता बने शाह फैसल भी इस समय हिरासत में हैं। बता दें कि कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को पहले भी हालात की समीक्षा के बाद प्रशासन ने रिहा किया था।

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