अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार ने किए ये ऐलान

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केंद्र सरकार ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए हैं। साल 2019 में एक ओर जहां टैक्स से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण एलान हुए हैं, वहीं बैंकिग सेक्टर और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम घोषणाएं की।

बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की मंजूरी

बैंकिंग सेक्टर के लिए राहत का एलान करते हुए वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इससे बैंकों के लिए पांच लाख करोड़ रुपये का लोन बांटना संभव हो गया। उन्होंने कहा था कि बैंक अपने एमसीएलआर में कटौती करेंगे ताकि रेपो रेट में कमी का फायदा ग्राहकों को मिल सके।

10 बैंकों का महाविलय

वित्त मंत्री ने बड़ा एलान करते हुए देश के 18 बैंकों में से छह सरकारी बैंकों को विलय कर दिया। पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। ये दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जो पीएनबी से 1.5 गुना बड़ा होगा। वहीं केनरा बैंक का विलय सिंडिकेट बैंक में होगा, जो देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक होगा। जबकि इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया गया है। इसके अलावा यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा, जो देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।

ओला-उबर को बताया ऑटो सेक्टर में मंदी का जिम्मेदार

वित्त मंत्री ने ऑटो सेक्टर में छाई मंदी के लिए शहरी क्षेत्रों में ओला-उबर को जिम्मेदार बताया था। शहरी क्षेत्रों में लोग अपनी गाड़ी से चलने के बजाए ओला-उबर को पसंद करने लगे हैं। वित्त मंत्री ने कहा था कि ऑटो सेक्टर बीएस6 की और लोगों की सोच की वजह से ज्यादा प्रभावित है। अब लोग ओला उबर गाड़ी खरीदने की तुलना में ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

निर्यात प्रोत्साहन के लिए जनवरी 2020 से एक नयी योजना

निर्यात उत्पादों पर करों एवं शुल्कों से छूट (रोडीटीईपी) अमल में आ जाएगी। यह देश से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात संवर्धन की योजना (एमईआईएस) की जगह लेगी। सीतारमण ने कहा कि नयी योजना से निर्यातकों को इतनी राहत मिलेगी जो इस समय लागू सभी योजनाओं को मिला कर भी नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना से सरकारी राजस्व पर 50 हजार करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ने का अनुमान है।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए व्यापार मेला का आयोजन

एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लोए सरकार चार जगहों पर मार्च 2020 तक बड़े व्यापार मेला का आयोजन करेगी। दुबई की तरह हैंडीक्राफ्ट, पर्यटन, योगा, टेक्सटाइल मेला भारत में भी लगाया जाएगा। एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए टैक्से और ड्यूटी के रिफंड को बढ़ा दिया गया है।

कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती

सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती कर दी है। घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी होगा। जबकि सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी। पहले यह दर 30 फीसदी थी।

सीएसआर के नियमों में बदलाव

सरकार ने सीएसआर पर होने वाले खर्च में सरकारी, पीएसयू इनक्यूबेटर्स और सरकारी खर्च से चलने वाले आईआईटी जैसे संस्थानों को भी शामिल किया है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि 22 फीसदी इनकम टैक्स के तहत आने वाली कंपनियों को मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) नहीं चुकाना होगा। एमएटी ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं। लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्स की देनदारी कम होती है।

कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म

कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म हो गया है। कॉर्पोरेट कर की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। वित्त मंत्री के एलान के बाद शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला।

बायबैक पर टैक्स से छूट 

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल 5 जुलाई से पहले शेयर बायबैक का ऐलान करने वाली सूचीबद्ध कंपनियों को शेयरों के बायबैक पर टैक्स नहीं चुकाना होगा।

रियल एस्टेट को बड़ी राहत

आपके अधूरे पडे़ सपनों के घर को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड बनाने का एलान किया, जिसमें सरकार वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) के तौर पर 10,000 करोड़ का योगदान देगी।  इसके अलावा एलआईसी, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी मदद करेंगे। यह फंड एक ट्रस्ट में जाएगा, जिसको हाउसिंग और बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत लोग ही मैनेज करेंगे।

गांवों में बनेंगे 1.95 करोड़ घर

सरकार ने गांवों में 1.95 करोड़ घर 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बनाकर देने की घोषणा की थी। इन घरों में शौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन दिया जाएगा।

घर, कार और हाउसिंग गुड्स खरीदने के लिए लोन

नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को मदद करने के लिए सरकार अपनी तरफ से मदद देगी। इस मदद से लोग कम ब्याज पर घर, गाड़ी और व्हाईट गुड्स खरीद सकेंगे। इसके अलावा नेशनल हाउसिंग बोर्ड से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को 20 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद देने का एलान किया था। क्रेडिट गांरटी योजना के तहत इन कंपनियों को एक लाख करोड़ की अतिरिक्त मदद बैंकों से दी जाएगी।

 

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