नकदी संकट में फंसे यस (Yes) बैंक (Bank) में स्टेट बैंक (Bank) ऑफ (Off) इंडिया (India) हिस्सा खरीदकर उसे इससे बाहर निकाल सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने गुरुवार को यस बैंक में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में कर्जदाताओं के एक कंसोर्टियम की योजना को मंजूरी दे दी गई है।
कंसोर्शियम को एसबीआई लीड करेगा। SBI को कंसोर्शियम में दूसरे मेंबर्स का भी चयन होना है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ की येस बैंक में नियंत्रक हिस्सेदारी लेने की योजना को मंजूरी दे दी है।
इन खबरों पर शेयर बाजारों को भेजे स्पष्टीकरण में एसबीआई ने कहा है कि वह सेबी नियमनों के तहत इस बारे में घटनाक्रमों का खुलासा करेगा। बैंक ने कहा, ”हम सेबी (एलओडीआर) नियमन, 2015 के नियमन 30 के तहत शेयर बाजारों को किसी घटनाक्रम का खुलासा करने की समयसीमा का पालन करेंगे। येस बैंक अगस्त, 2018 से संकट में है। उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर से कामकाज के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था।
उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के तहत बैंक ने दबाव वाली ऐसी संपत्तियों का खुलासा किया है जिनकी जानकारी नहीं दी गई थी। बैंक को मार्च, 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ था। येस बैंक ने शुरुआत में दो अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी। बाद में बैंक के निदेशक मंडल ने कनाडा के निवेशक एसपीजीपी ग्रुप-इर्विन सिंह ब्रायच के 1.2 अरब डॉलर के निवेश के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
वहीं आगामी 27 मार्च से नेशनल शेयर बाजार (एनएसई) के प्रमुख इंडेक्स ‘निफ्टी 50’ से यस बैंक बाहर हो जाएगा और इसकी जगह श्री सीमेंट लेगी इस सूची में टॉप 50 परफॉर्मर कंपनियां होती हैं। इस सूची में अकसर बदलाव होता रहता है। इसमें वही कंपनियां शामिल होती हैं, जिनके परफॉर्मेंस और मार्केट कैप में सुधार होता है।