नई दिल्ली : गाजियाबाद (Ghaziabad) विकास प्राधिकरण (GDA) ने वसुंधरा और नोएडा (Noida) इलैक्ट्रॉनिक सिटी (Electronic city) (सेक्टर-62) से मोहननगर तक मेट्रो कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर मंगलवार को शासन को भेज दी है। इन दोनों कॉरिडोर के लिए 50 फीसदी पैसा प्रदेश सरकार से मांगा है। जबकि स्थानीय निकाय 30 फीसदी अंशदान देने की बात कही है। अब इन डीपीआर पर मंथन कर शासन को फैसला लेगा। शासन की मोहर के बाद दोनों कॉरिडोर पर काम शुरू होगा।
पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने अपने कार्यालय पर डीएमआरसी (DMRC), जीडीए (GDA), नगर निगम, जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति पर समीक्षा बैठक की थी। उस वक्त केंद्रीय राज्यमंत्री ने दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) रेल निगम (DMRC) को वसुंधरा से मोहननगर (mohananagar) मेट्रो कॉरिडोर और नोएडा से साहिबाबाद कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर जल्द तैयार कर जीडीए को सौंपने के निर्देश दिए थे। फिर डीएमआरसी ने पहले वसुंधरा और बाद में नोएडा कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर जीडीए को सौंपी। मंगलवार को जीडीए ने इन्हें शासन को भेज दी है।
जीडीए (GDA) उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि दोनों कॉरिडोर पर आने वाली लागत का 50 फीसदी अंशदान प्रदेश सरकार से मांगा है। साथ ही जीडीए (GDA), नगर निगम, आवास विकास परिषद और यूपीएसआईडीसी पर लागात का 30 फीसदी अंशदान वहन करें। इन सभी स्थानीय निकायों पर मेट्रो फेज टू (दिलशाद गार्डन से पुराना बस अड्डा) कॉरिडोर के निर्धारित प्रतिशत के तहत ही भार डाला जाए। केंद्र सरकार भी पहले की तरह 20 फीसदी अंशदान दे रहा है। उपाध्यक्ष ने बताया कि दोनों संशोधित डीपीआर (DPR) शासन को भेज दी है। अब फैसला शासन स्तर पर होगा।
शहर के ढाई लाख लोगों को होगा फायदा
दिलशाद गार्डन (Dilshad Garden) से नए बस अड्डे तथा नोएडा सेक्टर 62 और वैशाली (Vaishali) से मोहननगर (mohananagar) तक मेट्रो विस्तार होने से गाजियाबाद (Ghaziabad), नोएडा (Noida) और दिल्ली (Delhi) के लोग मेट्रो (Metro) से जुड़ जाएंगे। नए बस अड्डे से मेट्रो (Metro) में बैठक व्यक्ति नोएडा (Noida), शहादरा और आनंद विहार के सभी क्षेत्र में जा सकता है। इससे सड़क पर भी यातायात का दवाब कम हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि गाजियाबाद (Ghaziabad), से हर रोज नौकरी करने और पढ़ाई करने नोएडा (Noida), और दिल्ली (Delhi) ढाई लाख से ज्यादा लोग आते जाते हैं। इन्हें सीधे तौर पर फायदा होगा।