नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक आज सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 372 (बहुत खराब श्रेणी में) श्रेणी में दर्ज किया गया है।
निर्माण कार्यों पर फिर रोक
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के पहले व दूसरे चरण की सख्ती के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम में खास सफलता नहीं मिली। दिल्ली के ज्यादातर क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के कारण शनिवार शाम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की आपात बैठक हुई।
इसमें कहा गया है कि अभी अगले कई दिन तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर या बेहद खराब श्रेणी में रह सकती है। आयोग की उप समिति ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप के तीसरे चरण के तहत नौ सूत्रीय एक्शन प्लान को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
इसके तहत निर्माण कार्य, तोड़फोड़, ईंट भट्ठे, हाट मिक्स प्लांट के संचालन पर फिर रोक लगा दी गई है। इससे पूर्व ग्रेप का तीसरा चरण 29 अक्टूबर को लागू किया गया था और 14 नवंबर को हटाया गया था।
एक माह बाद दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली
दिल्ली में एक माह बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 400 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इससे पूर्व चार नवंबर को यह 447 रहा था। दिल्ली के 19 इलाकों की हवा भी दमघोंटू ही रही। एनसीआर के शहरों में ग्रेटर नोएडा की हवा ‘गंभीर’ और अन्य जगहों पर ‘बहुत खराब श्रेणी’ में रिकार्ड की गई।