नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम (Ghulam) नबी (Nabi) आजाद (Azad) ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। बता दें कि गुलाम नबी आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे।
आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें राहुल गांधी पर हमला बोला गया है। उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया और कांग्रेस की ‘खस्ता हालात’ और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
“Unfortunately after entry of Shri Rahul Gandhi into politics & particularly after January 2013 when he was appointed as VP by you, the entire consultative mechanism which existed earlier was demolished by him,” says GN Azad in his resignation letter to Sonia Gandhi pic.twitter.com/20mbQsscSZ
— ANI (@ANI) August 26, 2022
सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा है, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी।
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें उसी दिन इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था।
वह कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी 23 गुट में शामिल थे। जी -23 गुट कांग्रेस में लगातार बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के नेता कपिल सिबब्ल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था।
इस पर उन्होंने कहा था कि जी -23 समूह पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है और पार्टी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरेगी।
उन्होंने ‘‘निरंतर बाहर रखे जाने एवं अपमान” का हवाला देते हुए पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जी-23 उन असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं का एक समूह है जिसने संगठन में आमूल-चूल फेरबदल की मांग की है। शर्मा भी इस समूह का हिस्सा हैं।