नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के डिप्टी सीएम मनीष (Manish) सिसोदिया (Sisodia) ने शराब घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई (CBI) जांच के तरीके को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले को सीजेआई के समक्ष 10.30 बजे मेंशन करने की तैयारी है।
Manish Sisodia moves Supreme Court challenging arrest, plea likely to be mentioned today
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— ANI Digital (@ani_digital) February 28, 2023
जानकारी के अनुसार मनीष सिसोदिया की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी करेंगे और इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग करेंगे। बता दें आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर रविवार को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। मनीष सिसोदिया को एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया।
जांच एजेंसी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को विशेष अदालत में पेश किया था और उन्हें पांच दिन के लिए उसकी हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया था। इसके बाद, विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया को चार मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
न्यायाधीश ने कहा था कि हालांकि आरोपी इस मामले में पहले दो मौकों पर जांच में शामिल हुए हैं, लेकिन यह भी देखा गया है कि वह जांच एवं पूछताछ के दौरान किए गए अधिकतर प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि सिसोदिया अब तक की गई जांच के दौरान कथित रूप से उनके खिलाफ पाए गए आपत्तिजनक सबूतों के संबंध में उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहे हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘उनके (सिसोदिया के) कुछ अधीनस्थों ने कुछ तथ्यों का खुलासा किया है जिन्हें उनके खिलाफ आरोप के रूप में लिया जा सकता है और उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत भी सामने आ चुके हैं।”
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उचित और निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित एवं वैध जवाब मिलें और इसलिए इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है।”
उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आरोपी को आगे और विस्तृत पूछताछ के लिए पांच दिन की अवधि यानी चार मार्च, 2023 तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा जाता है।”राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे।
सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री हूं। मुझे बजट पेश करना है…कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है।