लंदन : ब्रिटेन (Britain) की सरकार ने भारतीय मूल के लोगों सहित अन्य पृष्ठभूमि वाले अल्पसंख्यक समुदायों से और अधिक लोगों को कोविड-19 (Covid-19) के संभावित टीके के चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों में शामिल होने की अपील की है.
इसके लिये विभिन्न समुदायों से संपर्क साधने के उपायों में गुजराती, पंजाबी, बांग्ला और उर्दू में प्रसारित लक्षित भर्ती कार्यक्रम भी शामिल हैं. समूचे ब्रिटेन में एक लाख से अधिक लोगों ने टीके के परीक्षणों में स्वयंसेवी के तौर पर हिस्सा लिया है.
कोरोना (Corona) वायरस (Virus) के खिलाफ एक कारगर और सुरक्षित टीके की खोज में तेजी लाने की कोशिशों के तहत ऐसा किया गया है. हालांकि, इसमें आबादी के कुछ खास तबकों की भागीदारी कम रही है,
जिसके चलते कहीं अधिक जातीय अल्पसंख्यकों, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल कार्यकर्ताओं से राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) कोविड-19 टीका अनुसंधान पंजीकरण में शामिल होने की अपील की गई है, ताकि यह सुनश्चित हो सके कि संभावित टीका हर किसी पर असरदार हो.
ब्रिटेन (Britain) के कारोबार मंत्री आलोक शर्मा ने कहा, ‘‘…इस महत्वपूर्ण अनुसंधान में तेजी लाने के लिये सभी पृष्ठभूमि और उम्र के हजारों लोगों को शामिल करने की जरूरत है. ”
भारतीय मूल के मंत्री ने कहा, ‘‘मैं हर किसी से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाने की अपील करता हूं और पहले से पंजीकरण करा चुके एक लाख लोगों के साथ आने का अनुरोध करता हूं.”