प्रवासी कामगारों की दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लिए गये मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को एक अहम आदेश देते हुए कहा है कि 15 दिनों के अंदर प्रवासी मजदूरों का घर आना-जाना पूरा कर लिया जाए।
यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता है। सुनवाई के दौरान केन्द्र का कहना है कि अब तक एक करोड़ से ज्यादा प्रवासियों को उनके पैतृक स्थान पहुंचाया गया। इसके लिए तीन जून तक 4200 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं।
Supreme Court begins hearing migrant laborers matter. Solicitor General Tushar Mehta tells the court, “Indian Railways has operated 4228 trains till June 3”. pic.twitter.com/Y83lX9pyDQ
— ANI (@ANI) June 5, 2020
जस्टिस अशोक भूषण, एसके कौल और एमआर शाह की पीठ में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 3 जून तक 4,200 से अधिक ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों पर पहुंचाने के लिए चलाई गईं। मेहता ने कहा कि अब तक एक करोड़ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया गया है और अधिकांश ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार गईं।