- कप्तान कोहली के लिए आसान नहीं ‘पिंक टेस्ट‘
- पहले ही गिना चुके हैं पिंक बॉल से परेशानियां
भारत और बांग्लादेश के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाएगा। यह मैच शुक्रवार दोपहर एक बजे शुरू होगा। ईडन में डे-नाइट मैच एसजी गेंद से खेला जाएगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह किस तरह का बर्ताव करती है। इस ‘ट्विलाइट जोन’ भारतीय बल्लेबाजों, खासकर कप्तान कोहली के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होने वाली है, क्योंकि उन्हें अभी तक गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव नहीं है। डे-नाइट टेस्ट में ढलती शाम के समय फ्लट लाइट ऑन हो जाती हैं। उस समय बल्लेबाजों को आने वाली परेशानी को लेकर काफी चर्चा हुई थी। इस ‘ट्विलाइट जोन’ से सामंजस्य बैठाने को लेकर काफी चर्चा हुई है। भारत के कुछ खिलाड़ियों ने इस ट्विलाइट में गुलाबी गेंद को देखने में आने वाली समस्या के बारे में बातें कही थीं। ये खिलाड़ी दिन-रात प्रारूप में दिलीप ट्रॉफी खेल चुके हैं। इसके अलावा बांग्लादेश के भी किसी खिलाड़ी को गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव नहीं है। ऐसे में उनके लिए भी यह मैच काफी चुनोंतीपूर्ण होने वाली है।
कौन-कौन सी परेशानियां आएंगी.
- ईडन गार्डन्स में ढलती शाम के दौरान घूमती हुई गुलाबी गेंद पर पूरी तरह नजर बैठाने में बल्लेबाजों को परेशानी हो सकती है। दिन के उजाले में रेड बॉल को देखना जितना आसान होता है, वैसा पिंक बॉल के साथ नहीं है।
- कोलकाता में शाम के बाद खासी ओस पड़ती है, जिससे गेंद गीली होकर भारी हो जाती है। बॉल को ग्रिप न कर पाने की वजह से स्पिनरों के लिए टर्न दिला पाना आसान नहीं होगा।
- विराट कोहली ने कहा है कि इस बॉल से फील्डिंग करना काफी मुश्किल है। गुलाबी गेंद की तुलना हॉकी गेंद से की है। उन्होंने कहा है कि पिंक बॉल काफी तेजी से फील्डर के हाथ में लगती है। यह बिल्कुल हॉकी के भारी बॉल की तरह है।
- ऊंचे कैच पकड़ना मुश्किल होगा. लाल और सफेद गेंद में पता होता है कि बॉल किस गति से नीचे आ रही है, जबकि गुलाबी गेंद के साथ इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं होगा।