नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन और देश के झंडे का अपमान करने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गृह मंत्रालय के आदेश पर लंदन दूतावास में प्रदर्शन करने वाले खलिस्तान समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया है।
Delhi Police registers a case in connection with the protest in front of the Indian High Commission in London on March 19, 2023. The case has been registered under appropriate sections of IPC, UAPA and PDPP Act. Case registered after Ministry of Home Affairs asked Delhi Police to… pic.twitter.com/QBdEblekm8
— ANI (@ANI) March 24, 2023
इन खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ यूएपीए और पीडीपीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है पुलिस ऐसे लोगो की पहचान में जुटी है, जो भारत के नागरिक होने के साथ बाहर रह रहे हैं और देश-विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को इस मामले पर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था। जानकारी के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लंदन के भारतीय दूतावास पर हुए प्रदर्शन के बाद कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था।
किन पर होगी कार्रवाई?
जिस पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से उचित कानूनी कार्रवाई करने को कहा था। इस मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस ने यूएपीए और पीडीपीपी की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इसी के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस के रडार पर भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने वाले वो लोग हैं, जो भारत के नागरिक हैं और विदेशों में रहकर देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
क्या है मामला?
बीती 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों की भीड़ ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग पर लगे तिरंगे झंडे को जबरन खीचकर उतारने की कोशिश की थी। तिरंगे के अपमान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। जिसके बाद भारत की ओर से दिल्ली में ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया और भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा पर स्पष्टीकरण की मांग की थी।
विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा में ब्रिटेन सरकार की बेरुखी दिखी, जो किसी भी तरह से स्वीकार नहीं की जा सकती है। विदेश मंत्रालय की ओर से ब्रिटेन की सरकार को विएना संधि के तहत उनके बुनियादी दायित्वों की याद दिलाई।