भारत (India)) और चीन (China) के बीच आज कोर कमांडर लेवल की 10वें दौरे की वार्ता है। वहीं LAC पर दोनों देशों द्वारा यथास्थिति बहाल करने के लिए सहमति के बीच जल्द ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच सीमा के प्रस्ताव पर बैठक होगी। यहां अनडिफाइंड बॉर्डर पर चर्चा होनी है।
इधर, आज बैठक में दोनों देश सैनिकों को पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग क्षेत्रों से हटाने पर चर्चा करेंगे। ये बैठक चुशुल में होनी है। दावा किया जा रहा है कि भारत और चीन दोनों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों की वापसी करा ली है।
भारत की ओर से बैठक का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं चीन की ओर से बैठक का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन करेंगे, जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पैंगोंग झील के उत्तरी-दक्षिणी किनारों से दोनों देशों की सैनिकों ने वापसी कर ली है। वहीं अस्त्र-शस्त्रों , बंकरों, तंबुओं को भी हटाने का काम गुरुवार को पूरा हो गया है। आज के बैठक के एक दिन पहले चीन के सरकारी अखबार ने अधिकारिक तौर पर बताया कि जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में उनके चार जवानों की मौत हो गई थी।
चीन ने कहा कि उन्होंने अपने जवानों को श्रद्धांजलि दे दी है। इतने महीनों से चीन ने गलवान घाटी में हुई हिसंक झड़प के बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। गलवान घाटी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे।
पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध जारी है। इस मामले में संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को कहा है कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समझौता हो गया है।