नीरव मोदी के पक्ष में पूर्व जज की गवाही, बीजेपी का आरोप- बचाने में जुटी कांग्रेस

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  • पूर्व जज अभय थिप्से की नीरव मोदी के पक्ष में गवाही के मामले ने पकड़ा तूल
  • बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया नीरव और उसके मामा मेहुल को बचाने का आरोप
  • थिप्से ने कल लंदन की अदालत में सुनवाई के दौरान नीरव के पक्ष में दी थी गवाही
  • नीरव को ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पण के लिए चल रहा है केस
नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पक्ष में कांग्रेस में शामिल पूर्व जज अभय थिप्से की गवाही पर बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी ने ताबड़तोड़ कांग्रेस पर कई आरोप जड़ डाले। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर नीरव को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने नीरव के मामा मेहुल चौकसी को भी मदद पहुंचाई है। बता दें कि पूर्व जज ने लंदन के वेस्टमिनिस्टर कोर्ट में अपनी गवाही में कहा कि नीरव पर भारतीय कानून के मुताबिक कोई केस नहीं बनता है।
प्रसाद ने कहा कि अभय थिप्से 13 जून 2018 को कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि थिप्से के पार्टी में शामिल होने के वक्त राहुल गांधी, अशोक गहलोत और अशोक चव्हाण भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘मेरा साफ आरोप है कि रिटायर्ड जज कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं और नीरव मोदी को बचाने की कोशिश की जा रही है।’उन्होंने कहा कि अभी नीरव के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है और अब कांग्रेस उसे बचाने की कोशिश में लगी है। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने 13 सितंबर 2013 को नीरव मोदी के एक कार्यक्रम में शिरकत की थी और कांग्रेस पार्टी ने इसे इनकार भी नहीं किया था। 80-20 की गोल्ड स्कीम में नीरव के मामा मेहलु चौकसी और उनकी कंपनी को काफी फायदा कराया गया। तब यूपीए सरकार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम थे। कांग्रेस पार्टी हर प्रकार से चाहे नीरव हो या चौकसी, उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के लोगों को अपेक्षा है कि नीरव को भारत लाया जाएगा और जब सरकार कोशिश कर रही है तो कांग्रेस उसे बचाने में लगी है। प्रसाद ने कहा कि रिटायरमेंट से पहले थिप्से को प्रशासनिक वजहों से ट्रांसफर किया गया था और यही सब कहानी बताने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि हम देश का आश्वस्त करते हैं कि नीरव मोदी को देश लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

अभय थिप्से ने गवाही में ये कहा
चेस ग्रैंडमास्टर प्रवीण थिप्से के भाई अभय थिप्से ने कहा, ‘भारतीय कानून के मुताबिक जब तक कि किसी के साथ धोखा न हो, तब तक धोखाधड़ी नहीं होगी। धोखाधड़ी के अपराध में धोखा अनिवार्य हिस्सा है। अगर LoUs जारी होने से किसी के साथ धोखा नहीं हुआ है तो किसी कॉर्पोरेट बॉडी के साथ धोखाधड़ी का सवाल ही नहीं है। बैंक के अधिकारियों को LoUs जारी करने का जो अधिकार दिया गया है, उसे प्रॉपर्टी नहीं कहा जा सकता और उन्हें संपत्ति के साथ सुपुर्द करने के लिए भी नहीं कहा जा सकता। लिहाजा यह भरोसा तोड़ने वाला अपराध (criminal breach of trust) नहीं हो सकता।’ बता दें कि अभय थिप्से ने ही 2015 में अभिनेता सलमान खान को जमानत दी थी।

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