रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू हुए करीब डेढ़ महीने बीत चुके हैं और अब पहली बार रूस ने यह माना है कि उसके सैनिकों को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि इससे पहले यूक्रेन की तरफ से यह दावे किए जाते रहे हैं कि उसके सैनिकों ने रूस को काफी नुकसान पहुंचाया है।
लेकिन यूक्रेन के दावों को रूस हमेशा गलत करार देता रहा। अब रूस ने यह मान लिया कि इस युद्ध में उसके सैनिकों को भारी नुकसान हुआ है। रूसी सेना के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को स्वीकार किया।
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से पर ध्यान केंद्रित कर रहा यूक्रेन
यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों पर धावा बोलने की उम्मीदों को करारा झटका लगने के बाद रूस अब देश के पूर्वी हिस्से पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। रूस का इरादा पूर्वी हिस्से में बढ़त हासिल करना और इस बढ़त के दम पर युद्ध खत्म करने के लिये चल रही वार्ता में अपनी बात मनवाना हो सकता है।
रूस के सैनिक पूर्वी यूक्रेन के औद्योगिक गढ़ कहे जाने वाले डोनबास शहर में जोरदार हमले की तैयारी कर रहे हैं और आने वाले हफ्तों में युद्ध के नतीजे सामने आ सकते हैं। फिलहाल रूस की रणनीति में बदलाव और उसके संभावित परिणामों पर चर्चा की जा रही है।
नाटो यूक्रेन को और अधिक हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत
यूक्रेन में आम लोगों पर अत्याचार की खबरों के बीच, नाटो के सदस्य देश यूक्रेन को और अधिक हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हो गए। इस बीच आशंका जताई जा रही है कि रूस पूर्वी डोनबास क्षेत्र में बड़ा हमला कर सकता है। नाटो ने एक संगठन के रूप में यूक्रेन को सैनिकों या हथियारों की आपूर्ति करने से इनकार किया है हालांकि, सदस्य देशों ने कीव को विमान रोधी और टैंक रोधी हथियार उपलब्ध कराए हैं।
यूक्रेनी सैनिकों का मनोबल नहीं तोड़ पाया रूस
राजधानी कीव और देश के उत्तरी हिस्से के अन्य शहरोंपर धावा बोलने की नाकाम कोशिशों के बाद रूसी बलों ने इन शहरों को घेरने और तोप व हवाई हमलों से तहस-नहस करने के भरपूर प्रयास किये। रूसी सेना के हमलों में बड़ी संख्या में आम लोगों की जान गई और बुनियादी ढांचे को नुकसान तो पहुंचा, लेकिन वे यूक्रेन के सैनिकों के मनोबल को नहीं तोड़ पाई।
इस बीच यूक्रेन के बलों ने कीव के बाहर राजमार्गों पर कई किलोमीटर तक तैनात रूसी काफिलों के खिलाफ तोप और ड्रोन का इस्तेमाल कर जबरदस्त प्रतिरोध दिखाया और रूस को उसकी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया।