रूस के हमले के बाद यूक्रेन से 20 लाख से ज्यादा लोगों ने किया पलायन

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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जंग के कारण यूक्रेन में न सिर्फ स्थानीय लोगों को परेशान होना पड़ा, बल्कि भारतीय मूल के नागरिकों सहित दुनिया के कई देशों के लोगों को भी मुसीबत हुई। इसी बीच रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन से 20 लाख से ज्यादा लोगों ने यूरोप के दूसरे देशों में शरण ली है और उन्होंने युद्ध अपराध के मुकदमे के लिए सबूत भी जुटाए हैं। यूक्रेन के शहरों में रूसी सेना के आक्रमण तेज होने के साथ देश की सीमा पार करने वालों की संख्या भी बढ़ती चली गई।

रिहायशी क्षेत्रों में गोलाबारी के आरोप

कीव छोड़कर आए इहोर दिकोव ने कहा कि उन्होंने रिहायशी क्षेत्रों में गोलीबारी की आवाज सुनी थी और सड़कों पर कई जगह शव पड़े हुए थे। दिकोव ने कहा, ‘रूस ने सुरक्षित मानवीय गलियारा मुहैया कराने का वादा किया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वे निहत्थे लोगों पर गोलीबारी कर रहे हैं।’

बमबारी वाले क्षेत्रों से निकासी के लिए बनाए तीन गलियारे

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि बमबारी वाले क्षेत्रों में लोगों की निकासी के लिए तीन गलियारे बनाए गए और कुल मिलाकर लगभग 35,000 लोग बाहर निकाल लिये गए। शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के बीच प्रवासन के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन ने कहा है कि यूक्रेन के भीतर कम से कम 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।

यूक्रेन में फंसे 200 भारतीयों को लेकर दिल्ली आई फ्लाइट

शुक्रवार सुबह यूक्रेन में फंसे 200 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष विमान दिल्ली पहुंचा। अपने देश में आगमन की खुशी भारतीय नागरिकों पर साफ झलक रही थी। यूक्रेन से वापस लौटी एक छात्रा ने कहा कि हम वापस अपने देश आकर बहुत खुश हैं, वहां की हालत अभी खराब है। हम भारत सरकार को धन्यवाद करते हैं क्योंकि उन्होंने हमारे बारे में सोचा और बिना मांगे इतना कुछ किया।

जानकारी के अनुासर यूक्रेन से करीब 600 विद्यार्थियों समेत भारतीय नागरिकों के अंतिम जत्थे को लेकर तीन निकासी उड़ानें शुक्रवार सुबह भारत आना है। इनमें से एक फ्लाइट सुबह दिल्ली पहुंची। भारत ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पहले ही 17,000 भारतीयों को वापस ला चुका है। अब इन तीनों उड़ानों के निकासी मिशन पर आखिरी उड़ानें होने की संभावना है।

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