वॉशिंगटन : अमेरिका में पिछले हफ्ते हुए राज्य और स्थानीय चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें भारतवंशियों ने जीत हासिल की है। भारतीय मूल की गजला हाशमी वर्जीनिया राज्य में चुनाव जीतने वाली पहली मुस्लिम महिला बनी हैं। वहीं राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय व्हाइट हाउस में तकनीकी सलाहकार रह चुके सुभाष सुब्रमण्यम ने भी जीतकर वर्जीनिया राज्य सदन में जगह बनाई। इन दोनों के अलावा कैलिफोर्निया राज्य के सैन फ्रांसिस्को से मनो राजू और नॉर्थ कैरोलिना के शार्लोट सिटी से डिंपल अजमेरा ने स्थानीय चुनावों में जीत हासिल की।
हिलेरी क्लिंटन ने गजला को बधाई दी
गजला ने डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से वर्जीनिया के 10वें सीनेट डिस्ट्रिक्ट से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राज्य सदन के सदस्य ग्लेन स्टुर्टेवांट को हराया। इस मौके पर अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने उन्हें बधाई दी। क्लिंटन ने ट्विटर पर कहा, “मैं वर्जीनिया से जीतने वाली पहली मुस्लिम महिला गजला के लिए जोर से आवाज लगाना चाहूंगी। जैसा कि उन्होंने कहा था, यह जीत उन सभी लोगों की है, जिन्हें वर्जीनिया में प्रगतिशील बदलाव देखना है। यह जीत उनकी है जिन्हें लगता था कि उनके पास कोई आवाज नहीं है।”
गजला रहा है नागरिक सेवाओं योगदान
इस पर गजला ने क्लिंटन का शुक्रिया जताते हुए कहा, “नागरिक सेवाओं में आपने महिलाओं के लिए कई मान्यताएं तोड़ी हैं।’’ गजला हाशमी का परिवार करीब 50 साल पहले भारत से अमेरिका चला गया था। उनका शुरुआती जीवन अमेरिका के जॉर्जिया में बीता। जॉर्जिया सदर्न यूनिवर्सिटी से बीए और इमोरी यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद उन्होंने वर्जीनिया की यूनिवर्सिटी में 25 साल तक पढ़ाया है। चुनाव लड़ने से पहले वे रेनॉल्ड्स कम्युनिटी कॉलेज में फाउंडिंग डायरेक्टर के पद पर थीं।
सुभाष भी रहें हैं बराक ओबामा के तकनीकी सलाहकार
सुभाष सुब्रमण्यम ने वर्जिनिया राज्य के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में जगह बनाई। सुभाष की मां 1979 में बेंगलुरू छोड़कर अमेरिका चली गई थीं। वहां बतौर एक्सपर्ट फिजिशियन उन्होंने लंबे समय तक काम किया। वहीं सुभाष ने भी पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के तकनीकी सलाहकार के तौर पर काम किया। टेक्नोलॉजी सेक्टर में नौकरी, साइबर सिक्योरिटी और आईटी आधुनिकीकरण में उन्होंने व्हाइट हाउस में लंबा अनुभव हासिल किया।