नई दिल्ली : हिंदू धर्म में पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पौष माह की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। शास्त्रों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बताया गया है।
कहते कि इस महीने में सूर्यदेव की अराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परपंरा प्रचलित है। इस साल पूर्णिमा तिथि 28 जनवरी 2021 (गुरुवार) को है।
पौष पूर्णिमा तिथि व मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 28 जनवरी 2021 गुरुवार को 01 बजकर 18 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 29 जनवरी 2021 शुक्रवार की रात 12 बजकर 47 मिनट तक।
पौष पूर्णिमा व्रत महत्व-
पौष पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति स्नान, दान और तप का व्रत करता है। उसे पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन सूर्यदेव की अराधना करने से दुख दूर होने की मान्यता है। पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को समर्पित की जाती है।
इसलिए पौष मास की पूर्णिमा तिथि होने से इसका महत्व बढ़ जाता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा करनी चाहिए। सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ फलकारी माना जाता है, जबकि चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा कर व्रत का पारण करना चाहिए।
पौष पूर्णिमा व्रत विधि-
1. सबसे पहले स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।
2. विष्णु जी को भोग आदि लगाकर आरती करें।
3. मंत्रोच्चारण करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
4. पूरे दिन श्रीहरि के नाम का ध्यान लगाएं।
5. रात को चंद्रमा निकलने के बाद धूप-दीप से पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।