550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर साहिब दर्शन पर नियम और शर्तें

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पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन करने हेतु जाने के लिए श्रद्धालुओं को कुछ नियमों व शर्तों का पालन करना होगा। 550वें प्रकाश पर्व पर ऐतिहासिक करतापुर कॉरिडोर का उद्घाटन हो चुका है। इसके साथ ही करतारपुर साहिब तक जाने का रास्ता भी खुल गया। कॉरिडोर में भारत की तरफ से 3.8 किमी लंबी सड़क बनाई गई है। पाकिस्तान की तरफ की सड़क चार किमी लंबी है और एक इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बनी है। भारत की ओर 300 फीट ऊंचा तिरंगा झंडा लगाया गया है, जो 5 किमी दूर तक दिखाई देगा। पाकिस्तान की तरफ से भारत और देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। साथ ही कुछ नियम भी निर्धारित किए गए हैं।

दर्शन के लिए करनी होगी दो बसों की सवारी

पाकिस्तान सरकार गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में नतमस्तक होने के लिए भारत से आने वाले श्रद्धालुओं को मुफ्त बस सेवा उपलब्ध करवाएगी। डेरा बाबा नानक से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के बीच साढ़े चार किलोमीटर का रास्ता है। लाल रंग की बसें यात्रियों को जीरो लाइन से लेकर करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते गुरुद्वारा तक पहुंचाएगी। वहां से हरे रंग की बस में संगत को बैठा कर ड्योढ़ी तक पहुंचाया जाएगा।

लाल रंग की बसों पर एक तरफ श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का चित्र और दूसरी तरफ अंग्रेजी में लिखा गया है वेलकम टू श्री करतारपुर साहिब। यह लाल रंग की बसें करतारपुर कॉरिडोर से लेकर भारतीय सीमा तक आती-जाती रहेंगी। ड्योढ़ी तक जाने के लिए जो हरे रंग की जो बसें लगाई गई हैं, वह बिल्कुल ओपन हैं। बच्चे नहीं जा सकेंगे, और रुकने की इजाजत भी नहीं

1. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की पहली शर्त उम्र की है। 14 साल से 70 साल तक के श्रद्धालु ही पवित्र यात्रा पर जा सकते हैं— गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन के लिए कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा। हर रोज करीब 5000 श्रद्धालु दर्शन करने जा सकेंगे। इसके लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है, लेकिन पासपोर्ट जरूरी होगा। खास शर्त यह है कि अगर श्रद्धालु कॉरिडोर से गए तो फिर करतारपुर साहिब से आगे नहीं जा सकेंगे।

2. इसके अलावा श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम तक वापस आना होगा—-श्रद्धालु अपने साथ सात किलो से ज्यादा वजन का सामान नहीं ले जा सकते। यात्रा के दौरान 11,000 रुपये से ज्यादा की भारतीय मुद्रा भी अपने पास नहीं रख सकते हैं। श्रद्धालुओं को सिक्के ले जाने की भी इजाजत नहीं है। श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ जाने के लिए अनुमति लेनी होगी और निर्धारित शुल्क भरना होगा। हर श्रद्धालु को 20 डॉलर यानी 1400 रुपये का शुल्क देना होगा।

3. तीर्थयात्रा के दौरान पर्यावरण के अनुकूल सामग्री (जैसे कपड़े के बैग) का इस्तेमाल करना होगा और क्षेत्र की स्वच्छता को बनाए रखना होगा– पॉलीथीन बैग पर पूर्ण पाबंदी है। गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक में पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स (पीटीबी) के भीतर धूम्रपान, मदिरा-पान और तंबाकू के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। तेज आवाज में संगीत बजाना और बिना अनुमति अन्य लोगों की तस्वीरें लेने की मंजूरी भी नहीं होगी।

4. श्रद्धालु अपने साथ वाई-फाई, ब्रॉडबैंड उपकरण, भारत या पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाले झंडे-बैनर, शराब अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे— इन वस्तुओं को प्रतिबंधित सूची में रखा गया है। आग्नेयास्त्र और गोला बारूद, विस्फोटक पदार्थ, मादक पदार्थ, चाकू और ब्लेड, जाली नोट, मोहर और सिक्के, भारत और पाकिस्तान की बाहरी सीमाओं के गलत चित्रण वाले मानचित्र और साहित्य ले जाने पर मनाही है। सभी प्रकार के कृपाणों को ले जाने की इजाजत है।

5. कई श्रद्धालु दर्शनों के दौरान अधिक दान देने के इच्छुक हैं, इसलिए 11 हजार की राशि उनको कम लग रही है—- बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान व प्रसिद्ध वकील मंदीप सिंह सचदेवा का कहना है कि सिख श्रद्धालु अपनी कमाई का कुछ हिस्सा धार्मिक स्थलों पर चढ़ाते हैं, 11 हजार की राशि काफी कम है। इसको अधिक किया जाना चाहिए। विदेशों से भी संगत ने 70 साल बाद दर्शन दीदार करने आना है, यह राशि काफी कम है। इस पाबंदी को खत्म किया जाना चाहिए।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी रखेगी भारतीय श्रद्धालुओं का हिसाब

करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को दरबार साहिब में रुकने नहीं दिया जाएगा। पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए हर रोज आने वाले पांच हजार तीर्थयात्रियों की तीव्र निकासी के लिए करतारपुर कॉरिडोर के मुख्य टर्मिनल में 80 इमीग्रेशन (आप्रवासन) काउंटर स्थापित किए हैं। इन काउंटर पर तैनात अधिकारियों पर यात्रियों के पासपोर्ट की जांच के साथ-साथ उन्हें गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए एक यात्रा कार्ड जारी करने की भी जिम्मेदारी होगी। पाक की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) इसी काउंटर से भारत सरकार द्वारा भेजी गई यात्रियों की सूची की जांच करेगी।

वहीं एफआईए दस दिन पहले भारतीय सीमा सुरक्षा बल को भारतीय तीर्थयात्रियों की निकासी की सूची भेजेगी। पाकिस्तान ने मुख्य टर्मिनल में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए तीन प्रवेश द्वार बनाए हैं। तीर्थयात्रियों के पास उनके आगमन पर स्कैन किए गए पासपोर्ट होंगे। यात्रियों को कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तान रेंजर्स के दस्ते के साथ विशेष बसों में गुरुद्वारा दरबार साहिब ले जाया जाएगा। तीर्थयात्री गुरुद्वारा दरबार साहिब में प्रवेश करने से पहले बायोमीट्रिक स्क्रीनिंग से गुजरेंगे। साथ ही यात्री उसी गेट से बाहर निकल पाएंगे जिस गेट से उनके दस्तावेज की जांच की गई थी पाकिस्तान सरकार ने जिस तीर्थयात्री का पासपोर्ट ब्लैकलिस्ट में रखा होगा, उसे दर्शन करने की आज्ञा नहीं होगी। श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम पांच बजे वापसी करनी होगी। किसी भी तीर्थयात्री को दरबार साहिब में ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए श्री दरबार साहिब से चार किलोमीटर दूर जीरो प्वाइंट पर एक इमिग्रेशन हाल (आव्रजन हॉल) बनाया गया है। मुख्य टर्मिनल में स्थापित किए गए अलग-अलग विभागों के काउंटर के लिए पाकिस्तान सरकार ने 169 निरीक्षकों और उप-निरीक्षकों, कांस्टेबलों और महिला कांस्टेबल के अलावा दो सहायक निदेशक और एक उप निदेशक की नियुक्ति की है।

यात्रियों से 20 डॉलर लेने की जिम्मेदारी पाक रेंजर पर

पाकिस्तान रेंजर्स के अधिकारी जीरो प्वाइंट पर प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 डॉलर लेंगे। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए, श्री दरबार साहिब से चार किलोमीटर दूर जीरो प्वाइंट पर एक इमिग्रेशन हाल (आव्रजन हॉल) बनाया गया है। मंजूरी की प्रक्रिया से गुजरने के बाद तीर्थयात्रियों को फिर से प्रवेश के लिए किसी भी प्रतिबंध के अधीन नहीं किया जाएगा।

पाकिस्तानी सिखों के लिए भी बायोमैट्रिक सिस्टम

फेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के आव्रजन कर्मचारी प्रवेश और निकास टिकटों के साथ तीर्थयात्रियों के पासपोर्ट को चिन्हित करेंगे। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले पाकिस्तानी सिखों के लिए एक अलग गेट भी बनाया गया है। पाकिस्तानी सिख भी सुरक्षा प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में बायोमैट्रिक सत्यापन से भी गुजरेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नौ नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व से पहले करतारपुर गलियारे का औपचारिक उद्घाटन करेंगे।

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