नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुए विवाद का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें लेफ्ट विंग (Left Wing) के छात्र रामनवमी (Ram Navami) का झंडा (Flag) खींचते हुए दिख रहे हैं।
Showcasing communal harmony, Muslim youths offer water bottles in Ram Navami procession in Siliguri
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— ANI Digital (@ani_digital) April 11, 2022
एबीवीपी (ABVP) ने दावा किया है कि ये वीडियो जेएनयू के अंदर का है। दिल्ली (Delhi) पुलिस (Police) ने जेएनयू (JNU) में हुई मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की जांच की जा रही है।
रामनवमी पर JNU में क्या हुआ?
बता दें कि रविवार को जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी संगठनों के बीच झड़प हुई। जहां एक तरफ ABVP ने लेफ्ट विंग के छात्रों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने रामनवमी की पूजा रोकने की कोशिश की तो वहीं दूसरी तरफ AISA ने दावा किया है कि मीट को लेकर कावेरी हॉस्टल के सचिव के साथ मारपीट की गई।
JNU में विवाद कैसे शुरू हुआ?
JNU में रविवार को हुए मीट विवाद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रेस कॉन्फ्रेस की और बताया कि पूरा घटनाक्रम कैसे हुआ। ABVP के मुताबिक, कावेरी हॉस्टल के छात्रों ने रामनवमी पर पूजा रखी थी।
लेफ्ट के लोगों ने इसका विरोध किया वार्डन के नाम से फर्जी नोटिस लगाए कि पूजा नहीं होगी। वे सुबह से ही माहौल खराब करने लगे, जिसकी वजह से 3 बजे की बजाय 5 बजे पूजा शुरू हो सकी। बाहर पूजा, अंदर इफ्तार साथ चल रहा था कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन लेफ्ट को ये पचा नहीं।
वेज-नॉनवेज वाली बात कहां से आई?
इसके बाद पूजा खत्म होते ही बाहर निकल रहे छात्रों को मारना-पीटना शुरू कर दिया गया। फिर लेफ्ट छात्र अपने बचाव में मेस में वेज-नॉनवेज वाली बात लाए। कावेरी के अलावा और 18 हॉस्टल में नॉनवेज बना, मतलब ABVP को कहीं कोई समस्या नहीं थी।
सबको लहूलुहान करने के बाद मीडिया को बुलाया गया और फिर पीस मार्च शुरू हुआ। ABVP के मुताबिक, लेफ्ट कभी नहीं चाहता कि JNU में हिंदू त्योहार मनाए जाएं। नवरात्रि और होली मनाने पर भी मारपीट की जा चुकी है।
ABVP ने किया ये दावा
ABVP के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर सिद्धार्थ यादव ने ट्वीट किया कि अपने प्रोपेगेंडा को फैलाने के लिए AISA ने एक फर्जी पत्र जारी किया। जो पत्र JNU AISA के अध्यक्ष ने लिखा लेकिन उसके हॉस्टल कमेटी के होने का दावा किया जा रहा है। अगर कुछ भी गलत नहीं था, तो अपने अध्यक्ष का नाम क्यों छिपाया? रामनवमी पूजन के प्रति असहिष्णुता के कारण वामपंथियों ने प्लानिंग करके ये काम किया