मकर संक्रांति पर जानें स्नान और दान का महत्व

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नई दिल्ली : मकर (Makar) संक्रांति (Sankranti) का पर्व 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार इस दिन पौष मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन सूर्य का राशि परिवर्तन होगा और धनु राशि से सूर्य निकल कर मकर राशि में आ जाएंगे।

इस दिन विशेष योग भी बन रहा है। इसलिए इस वर्ष की मकर (Makar) संक्रांति (Sankranti) कई मायनों में विशेष और शुभ है। मकर राशि में सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा के साथ विराजमान रहेंगे।

ज्योतिष गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त में किया गया दान, स्नान और पूजा विशेष फल प्रदान करेगी। इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन में आने वाली कई बाधाओं से बचा जा सकता है। मकर संक्रांति पर दान, स्नान और पूजा करने का पुण्य काल कब तक रहेगा, इस बारे में जानते हैं।

मकर संक्रांति पुण्य काल

14 जनवरी को मकर (Makar) संक्रांति (Sankranti पर सूर्य देव प्रात: 8 बजकर 20 मिनट के करीब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा। पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय प्रात: 7 बजकर 15 मिनट 13 सेकेंड पर होगा. वहीं सायं 5 बजकर 45 मिनट पर सूर्य देव अस्त होंगे। मकर संक्रांति पर पुण्यकाल 9 घंटे से अधिक समय तक रहेगा।

मकर संक्रांति पर दान, स्नान और पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दान करने से जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। वहीं जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है। देवी देवताओं का आर्शीवाद मिलता है।

कुंभ स्नान

मकर संक्रांति पर कुंभ स्नान का भी विशेष महत्व है। इस बार कुंभ का आयोजन हरिद्वार में किया जा रहा है। कुंभ का पहला विशेष स्नान मकर संक्रांति पर आयोजित किया जाएगा।

कुंभ स्नान से मोक्ष प्राप्त होता है और कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

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