नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) से पहले अयोध्या के लिए राम मंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट की घोषणा हो सकती है। गृह मंत्रालय इस मामले में अधिसूचना जारी करने वाला है। इस समय राम मंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट में शामिल किए जाने वाले नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों से ये भी पता चला है कि राम मंदिर ट्रस्ट में 8 से 18 लोगों के नाम हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के संरक्षण मंडल में कुछ नाम पद के मुताबिक होंगे–जैसे मुख्यमंत्री,राज्यपाल, मुख्य सचिव, गृह सचिव। इसके अलावा अयोध्या के संत भी इनमें शामिल होंगे। विश्व हिंदू परिषद के दो और आरएसएस से 1 सदस्य ट्रस्ट में शामिल हो सकता है। हालांकि बीजेपी से भी एक नाम शामिल करने का दबाव है। फिलहाल अधिसूचना जारी होने का इंतजार है। सूत्रों से ये भी पता चला है कि मस्जिद के लिए तीन जगहों का प्रस्ताव है लेकिन मंदिर- मस्जिद निर्माण पर एक स्कीम बनाई गयी है…जिस पर केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगेगी।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को सर्वसम्मति से किए गए फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित भूमि को रामलला को दे दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करने के आदेश भी सरकार को दिए। जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ये फैसला सुनाया, इसमें तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा वर्तमान चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल थे।
राम मंदिर मामले पर पूरा फैसला 1045 पन्नों का है, इसमें 929 पन्नें एक मत से हैं जबकि 116 पन्नें अलग से हैं। एक जज ने फैसले से अलग राय जतायी थी। अभी जज के नाम का कोई जिक्र नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 40 दिन सुनवाई चली थी और 6 अगस्त 2019 से सुनवाई शुरू हुई। 16 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी।