पांचवा धाम होगा कंबोडिया में सजेगीं शिव, गणेश और बुद्ध की मूर्तियां

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  • स्वामी जी के आशीर्वाद से श्रीलंका में राष्ट्रपति बने गोटबाया राजपक्षे

  • पांच सौ करोड़ से अधिक की लगत से होगा पूरे धाम का निर्माण : गुरूजी कुमारन स्वामी

  • कंबोडिया में बनेगा पांचवा धाम लगेगी 180 फुट की शिवमूर्ति

  • कंबोडिया की 97 फीसद से अधिक आबादी बौद्धों की है

  • भारत से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 29 नवंबर को दिल्ली से रवाना होगा

नई दिल्ली : भगवान शिव की 180 फुट ऊँची मूर्ति के साथ कंबोडिया में पांचवा धाम स्थापित होने जा रहा है।  शंकराचार्य द्वारा लगभग 1400 साल पहले द्वारका, बद्रीनाथ, जगनाथपुरी और रामेश्वरम में स्थापित चारों धाम भारत में है। लेकिन अब बनने जा रहा है पांचवा धाम जो देश की सीमाओं से दूर होगा।  पांचवें धाम बनाने की ज़रूरत बताते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा की पूर्वी एशिया में सनातन हिन्दू संस्कृत और धर्म के प्रचार प्रसार में कंबोडिया में बनने जा रहा धाम अहम भूमिका निभाएगा।

मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट के प्रमुख कंबोडिया के ही रहने वाले गुरूजी कुमारन स्वामी ने कहा की 500 करोड़  अधिक की लगत से पूरे धाम का निर्माण होगा। इसमें शिव की विशाल मूर्ति के साथ साथ गणेश और बुद्ध की भी मुर्तिया लगेगी।  ध्यान देने की बात है की कंबोडिया की 97 फीसद से अधिक आबादी बौद्धों की है।

कुमारन स्वामी के अनुसार यह धाम अंकोरवाट स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।  उम्मीद की जा रही है की पूरी दुनिया से अंकोरवाट आने वाले पर्यटक और धर्म यात्री शिव के नए धाम की यात्रा कर सकेंगे।  कुमारन स्वामी ने कहा की पांचवे धाम की आधारशिला रखी जा चुकी है और पूरी दुनिया से लोग अब इस स्थान की यात्रा शुरू करने जा रहें हैं।  उनके अनुसार, भारत से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 29 नवंबर को दिल्ली से रवाना होगा।

इंद्रेश कुमार ने कहा की विदेश में भारतीय संस्कृति प्रसार के लिए पहली बार एक योजना के तहत काम शुरू हुआ है । कंबोडिया स्थापित होने जा रहा धाम इसी कड़ी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इसके बाद दुनिया के भागों में भी इस तरह के हिन्दू धर्म और संस्कृति जुड़े बड़े केंद्रों की स्थापना की जाएगी . पांचवे धाम के निर्माण के लिए कम्बोडिया में बने ट्रस्ट के इंद्रेश कुमार भी सदस्य है।  ध्यान देने की बात है की विदेश में मंदिर से संबधित किसी ट्रस्ट में पहली बार आरएसएस के वरिष्ठ नेता सीधे जुड़े हैं।

 

डॉ: गुरुजी कुमारन स्वामी जी के आशीर्वाद से श्रीलंका में राष्ट्रपति बने गोटबाया राजपक्षे 

“डॉ: गुरुजी कुमारन स्वामी जी” के आशीर्वाद से श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार गोटबाया राजपक्षे ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास को बड़े अंतर से हराया। गृह युद्ध काल में विवादित रक्षा सचिव रहे गोटबाया देश के नए राष्ट्रपति होंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोटबाया राजपक्षे को जीत की बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राष्ट्रपति चुनावों में जीत के लिये आपको बधाई गोटबाया। मैं, हमारे दोनों देशों और नागरिकों के बीच घनिष्ठ तथा भाईचारे वाले संबंधों को और अधिक मजबूत करने, शांति, समृद्धि और क्षेत्र में सुरक्षा के लिये आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।

जीत के बाद 70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल गोटबाया राजपक्षे ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण तरीके से जश्न मनाने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम श्रीलंका के लिए नई यात्रा शुरू कर रहे हैं, ऐसे में हमें यह याद रखना चाहिए कि श्रीलंका के सभी लोग इस यात्रा का हिस्सा हैं। आइए शांतिपूर्वक, गरिमा और अनुशासन के साथ उसी तरह जश्न मनाए जिस प्रकार हमने प्रचार मुहिम की थी।

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