11 और 12 अगस्त, दोनों ही दिन जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाई जा रही है हिन्दू धर्म मान्यताओ के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्छ की अष्टमी तिथि को ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ जन्माष्टमी (Janmashtami) का व्रत करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
हालांकि इस साल जन्माष्टमी (Janmashtami) तिथि को लेकर लोग काफी कन्फ्यूज हैं. कुछ लोग 11 अगस्त तो कुछ 12 अगस्त को जन्माष्टमी मानकर चल रहे हैं. मंगलवार, 11 अगस्त को स्मार्त समुदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे.
यानी जो शादी-शुदा लोग, पारिवारिक या गृहस्थ लोग जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे. जबकि बुधवार, 12 अगस्त को उदया तिथि में वैष्णव जन के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे. मथुरा और काशी में जितने भी मंदिर है,
वहां 12 तारीख को ही जन्माष्टमी (Janmashtami) होगी.इसलिए इस बार ज्योतिसो के अनुसार जन्माष्टमी का दान 11 अगस्त को और 12 अगस्त को पूजा और व्रत रखा जा सकता है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का खास ध्यान रखा जाता है.
जब ये दोनों योग आपस में मिलते हैं तो जयंती योग बनता है. दूसरे शब्दों में कहें तो सामान्य वर्ग के लोग 11 अगस्त को ही जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाएंगे. जबकि वैष्णव, संन्यासी या बैरागी 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए तैयारिया तेज हो गयी है लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण मंदिरो में बड़े आयोजन नहीं होंगे