उत्तर प्रदेश : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या की ओर से एमएड की एक छात्रा को जारी किए गए अंकपत्र में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। दोनों वर्षों को मिलाकर कुल 12 सौ अंकों के पूर्णांक (कुल मार्क्स) में छात्रा को 1209 अंक मिले हैं। महाविद्यालय की तरफ से अंकपत्र प्रमाणित कर छात्रा को दे भी दिया गया है। संत तुलसीदास पीजी कालेज कादीपुर की छात्रा महिमा द्विवेदी को जो अंक पत्र दिया गया है उसके अनुसार उसे एमएड प्रथम वर्ष में कुल 600 अंकों में 761 अंक मिले हैं। वहीं द्वितीय वर्ष के 600 पूर्णांक में 448 अंक दिए गए हैं। दोनों वर्षों को मिलाकर कुल 12 सौ के पूर्णांक में छात्रा को 1209 अंक मिले हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से अंक पत्र महाविद्यालय भेजा गया। उसे प्रमाणित करने के बाद छात्रा को वितरित कर दिया गया। इस दौरान न तो विश्वविद्यालय और न ही सम्बंधित महाविद्यालय के जिम्मेदारों की नजर इस पर पड़ी। इस संबंध में संत तुलसीदास पीजी कालेज कादीपुर के प्राचार्य डा. जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से ही मुझे भी इसकी जानकारी मिली है। कल रिकार्ड देखकर की कुछ बता पाऊँगा। एक साथ विश्वविद्यालय से अंकपंत्र आते है। हस्ताक्षर के समय चेक कर पाना संभव नहीं होता है। उमानाथ (परीक्षा नियंत्रक, डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय अयोध्या) ने कहा- छात्रा ने सेकेंड ईयर के अपने परीक्षा फार्म में पहले वर्ष का प्राप्तांक आनलाइन गलत भरा था। ऐसे में दोनों वर्षों अंक जोड़ में बढ़ गए। संज्ञान में आने पर संशोधन करके छात्रा को अंकपत्र की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराई जा रही है।